पितृ शांति एवं पारिवारिक क्लेश से मुक्ति के लिए एकादशी मोक्ष तीर्थ संयुक्त विशेष पितृ दोष शांति महापूजा और गंगोत्री धाम गंगा अभिषेक पूजा
पितृ शांति एवं पारिवारिक क्लेश से मुक्ति के लिए एकादशी मोक्ष तीर्थ संयुक्त विशेष पितृ दोष शांति महापूजा और गंगोत्री धाम गंगा अभिषेक पूजा
पितृ शांति एवं पारिवारिक क्लेश से मुक्ति के लिए एकादशी मोक्ष तीर्थ संयुक्त विशेष पितृ दोष शांति महापूजा और गंगोत्री धाम गंगा अभिषेक पूजा
पितृ शांति एवं पारिवारिक क्लेश से मुक्ति के लिए एकादशी मोक्ष तीर्थ संयुक्त विशेष पितृ दोष शांति महापूजा और गंगोत्री धाम गंगा अभिषेक पूजा
पितृ शांति एवं पारिवारिक क्लेश से मुक्ति के लिए एकादशी मोक्ष तीर्थ संयुक्त विशेष पितृ दोष शांति महापूजा और गंगोत्री धाम गंगा अभिषेक पूजा
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पितृ शांति एवं पारिवारिक क्लेश से मुक्ति के लिए एकादशी मोक्ष तीर्थ संयुक्त विशेष पितृ दोष शांति महापूजा और गंगोत्री धाम गंगा अभिषेक पूजा
एकादशी मोक्ष तीर्थ संयुक्त विशेष

पितृ दोष शांति महापूजा और गंगोत्री धाम गंगा अभिषेक पूजा

पितृ शांति एवं पारिवारिक क्लेश से मुक्ति के लिए
temple venue
पिशाच मोचन कुंड एवं गंगा घाट, काशी, गंगोत्री धाम
pooja date
14 सितम्बर, शनिवार, पार्श्व एकादशी
Warning Infoइस पूजा की बुकिंग बंद हो गई है
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अब तक3,00,000+भक्तोंश्री मंदिर द्वारा आयोजित पूजाओ में भाग ले चुके हैं

पितृ शांति एवं पारिवारिक क्लेश से मुक्ति के लिए एकादशी मोक्ष तीर्थ संयुक्त विशेष पितृ दोष शांति महापूजा और गंगोत्री धाम गंगा अभिषेक पूजा

हिंदु धर्म में एकादशी तिथि को सबसे शुभ तिथियों में से एक माना गया है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी को पार्श्व एकादशी कहते हैं। माना जाता है कि इस दिन भगवान विष्णु अपनी शयन मुद्रा बदलते हैं, यानि वे बाईं से दाईं ओर करवट बदलते हैं। इसलिए इस एकादशी को पार्श्व परिवर्तिनी एकादशी भी कहा जाता है। इस दिन को भगवान विष्णु के इस दिव्य परिवर्तन का प्रतीक माना जाता है। मान्यता है कि इस दिन श्री हरि विष्णु की विधिवत पूजा करने से सभी कष्टों का निवारण होता है, वहीं जो लोग इस दिन पितृ दोष पूजा, पितृ तर्पण और पिंड दान करते हैं, उनके पूर्वजों को जन्म और मृत्यु के चक्र से मुक्ति मिल जाती है और भगवान विष्णु उन्हें अपने शरण में स्थान देते हैं। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, मोक्ष नगरी काशी में पितृ पूजा का अपना विशिष्ट महत्व है, कहते हैं कि यहां पितृ पूजा करने से पूर्वजों की आत्मा को शांति मिलती है और उनके आशीर्वाद से जीवन में सुख एवं समृद्धि का आशीष प्राप्त होता है। माना जाता है कि काशी में पितृ पूजा करने से पितृओं की आत्मा को मोक्ष की प्राप्ति होती है और जीवित व्यक्तियों को उनके पितरों का आशीर्वाद मिलता है।

वहीं गंगोत्री धाम में गंगा अभिषेक पूजा का विशेष महत्व है। मान्यता है कि यहां इस पवित्र स्थान पर अभिषेक करने से व्यक्ति के समस्त पाप धुल जाते हैं और उसे आध्यात्मिक शांति कि प्राप्ति होती है। पौराणिक कथाओं के अनुसार, गंगोत्री धाम में ही देवी गंगा का अवतरण हुआ था। इस क्षेत्र में भगवान श्री रामचन्द्र के पूर्वज रघुकुल के चक्रवर्ती राजा भगीरथ ने शिवजी को प्रसन्न करने के लिए तप किया था, जिनकी तपस्या से शिवजी प्रसन्न होकर यहां प्रकट हुए एवं उन्होंने मां गंगा को अपनी जटाओं में धारण कर उनका वेग शांत किया था। इन दोनों धार्मिक स्थलों पर पितृ पूजा करना बेहद शुभ माना जाता है। इसलिए पार्श्व एकादशी के शुभ दिन पर पितृ दोष निवारण पूजा और गंगोत्री धाम गंगा अभिषेक पूजा का आयोजन किया जाएगा। वहीं इस पूजा के साथ-साथ गौ पूजन करने से भी भगवान विष्णु का आशीर्वाद प्राप्त होता है। श्री मंदिर के माध्यम से इस पूजा और गंगा आरती में भाग लें और अपने पूर्वजों का आशीष पाएं।

पूजा लाभ

puja benefits
पितृ शांति के लिए
पितृ दोष के कारण लोगों के जीवन में परेशानियां समाप्त होने का नाम ही नहीं लेती हैं। व्यक्ति चाहे जितना भी प्रयास कर ले, कोई भी काम सफल नहीं होता है। शास्त्रों में पितृ दोष निवारण के लिए पितृ दोष शांति पूजा के साथ गंगा अभिषेक का विधान है। मान्यता है कि पार्श्व एकादशी के दिन मोक्ष नगरी काशी एवं गंगोत्री धाम में होने वाली इस पूजा में भाग लेने से पितरों को शांति मिलता है।
puja benefits
पारिवारिक क्लेश से मुक्ति
कई बार कुछ घरों में पारिवारिक क्लेश कि कोई ठोस वजह तो नहीं होती लेकिन हमेशा ही तनाव का माहौल बना रहता है। घर में क्लेश होने का एक कारण पितृ दोष भी माना गया है, इसलिए मान्यता है कि पार्श्व एकादशी के दिन पर इन पवित्र धार्मिक स्थल पर होने वाली इस पूजा को करने से पारिवारिक क्लेश से मुक्ति का आशीष मिलता है।
puja benefits
स्वस्थ जीवन की प्राप्ति
पितृ दोष के कारण परिवार के किसी सदस्य को शारीरिक या मानसिक बीमारियाँ हो सकती हैं। पितृ दोष से प्रभावित व्यक्तियों को बार-बार स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं, पुरानी बीमारियों के लिए उचित उपचार खोजने में कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है। पार्श्व एकादशी वाले दिन पर मोक्ष नगरी में की जाने वाली इस पूजा के साथ गंगा अभिषेक करने से अच्छे स्वास्थ्य का आशीष मिलता है।

पूजा प्रक्रिया

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पूजा का चयन करें:

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हमारे अनुभवी पंडित पूरे विधि विधान से पूजा कराएंगे, पूजा के दिन श्री मंदिर भक्तों की पूजा सामूहिक रूप से की जाएगी। जिसका लाइव अपडेट्स आपके व्हाट्सएप नंबर पर भेजा जाएगा।
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पूजा वीडियो एबं तीर्थ प्रसाद डिलीवरी

3-4 दिनों के अंदर अपने व्हाट्सएप नंबर पर पूजा वीडियो पाएं एवं 8-10 दिनों में तीर्थ प्रसाद प्राप्त करें।

पिशाच मोचन कुंड एवं गंगा घाट, काशी, गंगोत्री धाम

पिशाच मोचन कुंड एवं गंगा घाट, काशी, गंगोत्री धाम
मोक्ष की नगरी काशी में पितृ को शांति मिलती है। माना जाता है कि जो इंसान यहां अंतिम सांस लेता है उसे मोक्ष की प्राप्ति होती है, यही कारण है कि कई लोग अपने अंतिम समय में काशी में आकर बस जाते हैं। काशी में स्थित पिशाच मोचन कुंड है, जिसे लेकर मान्यता है कि यहां पितृ दोष निवारण पूजा करने से पित्रुओं की अधुरी इच्छाओं की तृप्ति के साथ मुक्ति मिल जाती है। गरुड़ पुराण में लिखा है कि पिशाच मोचन कुंड पर पितृ के निमित्त श्राद्ध करने का अधिक महत्व है। यहां पितृ दोष निवारण पूजा करने से पित्रुओं का सभी उधार चुकाया जाता है और सभी बाधाओं से मुक्त होकर पितृ मोक्ष प्राप्त करते हैं।

वहीं, देवभूमि उत्तराखंड के पवित्र भूमि पर स्थित है गंगोत्री धाम। गंगोत्री, गंगा नदी का उद्गम स्थल है, माना जाता है कि इस स्थान पर मां गंगा की पूजा करने से भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं। पौराणिक कथाओं के अनुसार, भगीरथ ने अपने पूर्वजों को मोक्ष प्राप्ति के लिए यहां तपस्या की थी और उनके अथक प्रयासों के बाद मां गंगा धरती पर आईं, लेकिन मां गंगा का वेग इतना तेज था कि अगर वह सीधे धरती पर गिरतीं तो धरती नष्ट हो जाती। प्रलय की स्थिति बन जाती और वह पाताल लोक चली जातीं। भक्तों की प्रार्थना पर भगवान शिव ने गंगा को अपनी जटाओं में समेट लिया और उसके बाद मां गंगा कैलाश होते हुए धरती पर पहुंचीं और भगीरथ के पूर्वजों का उद्धार किया। ऐसा माना जाता है कि राजा भगीरथ ने जिस पत्थर पर ध्यान लगाया था, वह आज भी यहाँ मौजूद है और इसे भगीरथ शिला के नाम से जाना जाता है। मान्यता है कि जो भी एकादशी के शुभ दिन गंगोत्री धाम में गंगा घाट पर पूजा करता है, उसे माँ गंगा का आशीर्वाद प्राप्त होता है।

पूजा का चयन करें

व्यक्तिगत पूजा

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पंडित जी पूजा संकल्प के दौरान अन्य पूजा प्रतिभागियों के नाम के साथ आपके नाम एवं गोत्र का उच्चारण करेंगे।
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आपकी पूजा संपन्न होने पर पूजा का वीडियो 3-4 दिनों के अंदर आपके पंजीकृत व्हाट्सएप नंबर पर भेजा जाएगा एवं आप इसे अपनी बुकिंग हिस्ट्री में जाकर भी देख सकते हैं।
पवित्र तीर्थ प्रसाद 8-10 दिनों के भीतर आपके पते पर भेज दिया जाएगा।

पार्टनर पूजा

अधिकतम 2 व्यक्ति के लिए पूजा कराएं
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पंडित जी पूजा संकल्प के दौरान अन्य पूजा प्रतिभागियों के साथ आपके परिवार के 2 सदस्यों के नाम व गोत्र का उच्चारण करेंगे।
अपने नाम से किए जाने वाले वस्त्र दान, अन्न दान, गौ सेवा या दीप दान जैसे अन्य सेवाएं का विकल्प चुनें।
आपकी पूजा संपन्न होने पर पूजा का वीडियो 3-4 दिनों के अंदर आपके पंजीकृत व्हाट्सएप नंबर पर भेजा जाएगा एवं आप इसे अपनी बुकिंग हिस्ट्री में जाकर भी देख सकते हैं।
पवित्र तीर्थ प्रसाद 8-10 दिनों के भीतर आपके पते पर भेज दिया जाएगा।

पारिवारिक पूजा

अधिकतम 4 सदस्यों के लिए पूजा कराएं
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पंडित जी पूजा संकल्प के दौरान अन्य पूजा प्रतिभागियों के साथ आपके परिवार के 4 सदस्यों के नाम व गोत्र का उच्चारण करेंगे।
पूजा के अंत में फल, मिठाई और सूखे मेवे का प्रसाद चढ़ाया जाएगा
अपने नाम से किए जाने वाले वस्त्र दान, अन्न दान, गौ सेवा या दीप दान जैसे अन्य सेवाएं का विकल्प चुनें।
आपकी पूजा संपन्न होने पर पूजा का वीडियो 3-4 दिनों के अंदर आपके पंजीकृत व्हाट्सएप नंबर पर भेजा जाएगा एवं आप इसे अपनी बुकिंग हिस्ट्री में जाकर भी देख सकते हैं।
पवित्र तीर्थ प्रसाद 8-10 दिनों के भीतर आपके पते पर भेज दिया जाएगा।

संयुक्त परिवार पूजा

अधिकतम 6 सदस्यों के लिए पूजा कराएं
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पंडित जी पूजा संकल्प के दौरान अन्य पूजा प्रतिभागियों के साथ आपके परिवार के 6 सदस्यों के नाम व गोत्र का उच्चारण करेंगे।
पूजा के अंत में पुष्पांजलि के साथ फल, मिठाई और सूखे मेवे का प्रसाद चढ़ाया जाएगा।
अपने नाम से किए जाने वाले वस्त्र दान, अन्न दान, गौ सेवा या दीप दान जैसे अन्य सेवाएं का विकल्प चुनें।
आपकी पूजा संपन्न होने पर पूजा का वीडियो 3-4 दिनों के अंदर आपके पंजीकृत व्हाट्सएप नंबर पर भेजा जाएगा एवं आप इसे अपनी बुकिंग हिस्ट्री में जाकर भी देख सकते हैं।
पवित्र तीर्थ प्रसाद 8-10 दिनों के भीतर आपके पते पर भेज दिया जाएगा।

रिव्यूज़ और रेटिंग

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अच्युतम नायर

बेंगलुरु
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रमेश चंद्र भट्ट

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लखनऊ

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Mithilesh Pandey wife nirmala pandey son nirmit pandey bhai Tara dutt Pandey wife Indra pandey son vaibhav

Mithilesh Pandey wife nirmala pandey son nirmit pandey bhai Tara dutt Pandey wife Indra pandey son vaibhav

09 December, 2024

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Bahut badiya is app ke madhyam se mai har hafte ke Puja ka aayojan kar leta hu .jisse mere saare nakaratmak gayab ho jaati hai ,


Bhupendra Jethabhai Hadiya

Bhupendra Jethabhai Hadiya

09 December, 2024

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Best puja by panditji 🙏🙏🙏


ashvini Rajendra Kamble

ashvini Rajendra Kamble

09 December, 2024

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आप के इस मध्यम से हमारा ये पूजा यज्ञ हुआ है इसके लिए आप का अनेको धन्यवाद आप नहीं जानते ये पूजा कारवानी मेरे लिए बहुत ज़रूरी थी मेरी आस्था माँ बगलामुखी माता पे बहुत है

हमारे पिछले पूजा अनुभव के झलक

पूजा समाप्त होने के बाद, आपकी पूजा का पूरा वीडियो रिकॉर्डिंग, नाम और गोत्र चैंटिंग सहित, साझा किया जाएगा।
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