सनातन धर्म में दिवाली पर्व का विशेष महत्व है। यह रोशनी का त्योहार पूरे भारत में बड़े हर्ष और उल्लास के साथ मनाया जाता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, इसी दिन भगवान राम 14 वर्षों के वनवास के बाद, भाई लक्ष्मण और माता सीता के साथ रावण को पराजित कर अयोध्या लौटे थे और उनकी स्वागत में संपूर्ण अयोध्यावासियों ने दीप जलाकर उनका स्वागत किया था। तभी से दिवाली के त्योहार की परंपरा की शुरुआत मानी जाती है। इस शुभ अवसर पर लोग मां काली की पूजा भी करते हैं। मान्यता है कि दिवाली के दिन मां काली की पूजा करने से आर्थिक समस्याओं से मुक्ति मिलती है और नकारात्मक शक्तियों से सुरक्षा का आशीर्वाद प्राप्त होता है। इसलिए यह दिन मां काली की उपासना के लिए अत्यधिक शुभ और फलदायी माना जाता है। मान्यता है कि महाकाल की प्रियतमा देवी काली ही अपने दक्षिण और वाम रूप में प्रकट हुई और दस महाविद्याओं के नाम से विख्यात हुई। हिन्दू पुराणों देवी दक्षिणा काली को एक रूद्र अवतार माना गया है। उनके स्वरुप की बात करें तो उनका रूप भी विकराल माना जाता है। देवी काली के दक्षिणा काली नाम पड़ने के विभिन्न कारण है, जिनमें कहा गया है कि दक्षिण दिशा की ओर रहने वाले यमराज, देवी का नाम सुनते ही भाग जाते है, इसलिए देवी दक्षिणा काली के नाम से जानी जाती हैं। तात्पर्य यह है कि, मृत्यु के देवता यम, जिनका राज्य यानि यमलोक दक्षिण दिशा में विद्यमान है वो भी देवी काली के भक्तों से दूर रहते हैं और मृत्यु पश्चात् यम दूत उन्हें यम लोक नहीं ले जाते हैं। इसलिए मान्यता है कि देवी काली के इस स्वरूप की विशेष पूजा से व्यक्ति को धन की प्रचुरता और साल भर समृद्धि का आशीर्वाद मिलता है।
यदि यह पूजा एक विशिष्ट शुभ समय (मुहूर्त) के दौरान की जाती है, तो इसका लाभ कई गुना बढ़ जाता है। दिवाली पर, निशित काल मुहूर्त रात 11:57 बजे से 12:47 बजे के बीच लग रहा है, जो इस पूजा के लिए सबसे शुभ समय में से एक है। इसलिए दिवाली के दिन निशित काल के शुभ मुर्हुत के दौरान पश्चिम बंगाल स्थित शक्तिपीठ कालीघाट मंदिर में श्री श्री दक्षिणा काली माता महानिशा पूजन, स्तोत्र पाठ और हवन का आयोजन किया जाएगा। पौराणिक कथाओं के अनुसार, यह मंदिर 51 पवित्र शक्तिपीठों में से एक है, जहाँ भगवान शिव द्वारा माँ सती के शरीर के साथ तांडव करते समय उनके दाहिने पैर का अंगूठा गिरा था। इसलिए, श्री मंदिर के माध्यम से इस विशेष पूजा में भाग लें और धन की प्रचुरता और वर्ष भर समृद्धि प्राप्त करने के लिए माँ दक्षिणा काली का आशीर्वाद प्राप्त करें।