भगवान श्री रामचंद्र जी के राजमहल का मुख्य द्वार
.अयोध्या, उत्तरप्रदेश, भारत
अयोध्या नगरी में सबसे ऊंचाई पर स्थित श्री रामचंद्र जी के राजमहल का मुख्य द्वार ही राजद्वार मंदिर के नाम से जाना जाता है। जहां से आप पूरी अयोध्या के दर्शन कर सकते हैं। जिसके सामने हनुमान जी का हनुमान गढ़ी मंदिर है, जहां विराजमान हनुमान जी राम लला के राज द्वार की रक्षा करते है।
मंदिर का इतिहास
राजद्वार मंदिर अयोध्या का इतिहास बहुत प्राचीन है । राजद्वार मंदिर का निर्माण तकरीबन 900 वर्ष पूर्व अयोध्या नरेश राजा मान सिंह जी ने पुनर्निर्माण करवाया था, जो की आज हमें इस मंदिर के स्वरुप में दिखता है। अयोध्या के सबसे ऊँचे राजद्वार के जीर्णोद्वार के फलस्वरूप आज हमें यह मंदिर प्राप्त हुआ है, जो की विश्वपटल पर एक अमिट छाप छोड़ता है।
मंदिर का महत्व
अयोध्या का असली नाम राजद्वार मंदिर महत्वपूर्ण इसलिए है कि यह रघुकुल के राजमहल का प्रवेश द्वार हुआ करता था। मान्यता है कि भगवान श्री रामचंद्र जी ने इसी द्वार से अपना वनवास प्रारंभ किया और वापस आ कर इस राजदरबार में बैठकर रामराज प्रदान किया था। यह अयोध्या के सबसे ऊँचे राजद्वार के रूप में स्थित मंदिर है । मंदिर के सामने हनुमान गढ़ी मंदिर में हनुमान जी सेवक के रूप में राजद्वार की आज भी रक्षा करते है । प्राचीन काल में अयोध्या का असली नाम राजद्वार मंदिर से ही जाना जाता था।
मंदिर की वास्तुकला
हमारे देश की प्राचीन मंदिर निर्माण नागर शैली के अनुरूप बने इस मंदिर की वास्तुकला बहुत सुन्दर और अविस्मरणीय है। इस मंदिर की वास्तुकला में प्राचीन शैली की झलक देखने को मिलती है। मंदिर का शिखर शुद्ध सोने का बना माना जाता था ।
मंदिर का समय
सुबह मंदिर खुलने का समय
05:00 AM - 12:00 PMसायंकाल मंदिर खुलने का समय
04:00 PM - 09:00 PMसुबह आरती का समय
07:00 AM - 07:30 AMसंध्या आरती का समय
07:00 PM - 07:30 PMमंदिर का प्रसाद
मंदिर में श्रद्धालु पुष्प, चन्दन, लड्डू और पेड़े प्रसाद स्वरुप भेंट करते है। यहाँ प्रसाद रूप में चढ़ाये जाने वाले दूध के मावे से बने पेड़े बहुत प्रसिद्द माने जाते है ।
यात्रा विवरण
मंदिर के लिए यात्रा विवरण नीचे दिया गया है