जब मन शंकाओं से घिर जाता है और सही दिशा चुनना मुश्किल लगने लगता है, तो यह बहुत बेचैन कर देने वाला अनुभव होता है। कई बार पूरी कोशिश करने के बाद भी सफलता दूर लगती है और करियर, स्वास्थ्य या रिश्तों में अचानक रुकावटें आने लगती हैं। वैदिक ज्योतिष के अनुसार, ऐसी परेशानियाँ अक्सर राहु ग्रह के प्रबल प्रभाव के कारण मानी जाती हैं।
राहु देव एक शक्तिशाली छाया ग्रह हैं, जो भ्रम, महत्वाकांक्षा और बदलाव से जुड़े होते हैं। जब राहु की स्थिति अनुकूल न हो, तो वह सोच को धुंधला कर देता है, भ्रम पैदा करता है और जीवन में देरी या अस्थिरता ला सकता है। साल के आख़िरी दिन, जब हम बीते समय पर विचार करते हैं और नए साल की तैयारी करते हैं, तब ये प्रभाव और भी गहरे महसूस हो सकते हैं। शांति और स्पष्टता पाने के लिए भक्त राहु देव की कृपा प्राप्त करने हेतु विशेष पूजन और अनुष्ठान करते हैं, ताकि उनके प्रभाव संतुलित हों और नया साल शांत मन के साथ शुरू हो।
🔱 राहु देव की कथा
पुराणों के अनुसार, समुद्र मंथन के समय एक असुर स्वर्भानु देवताओं का रूप धरकर सूर्य देव और चंद्र देव के बीच बैठ गया और अमृत पीने लगा। भगवान विष्णु ने मोहिनी रूप में उसे पहचान लिया और अपने सुदर्शन चक्र से उसका सिर अलग कर दिया। लेकिन तब तक अमृत उसके कंठ तक पहुँच चुका था, इसलिए उसका सिर और धड़ दोनों अमर हो गए। सिर राहु कहलाया और धड़ केतु बना। तभी से राहु सूर्य और चंद्र से वैर रखता है और समय-समय पर उन्हें ग्रहण लगाता है। यह इस बात का प्रतीक है कि राहु का प्रभाव मनुष्य के जीवन में भी स्पष्टता को ढक सकता है।
साल के अंतिम दिन होने वाला यह राहु शांति विशेष अनुष्ठान
इस विशेष पूजा में 18,000 राहु मूल मंत्र जाप और दशांश हवन किया जाता है। इसका उद्देश्य राहु की तीव्र ऊर्जा को शांत करना और कर्मों का संतुलन बनाना है। मंत्र जाप से सकारात्मक आध्यात्मिक ऊर्जा उत्पन्न होती है, जो राहु के प्रभाव को शांत करती है, जबकि हवन से मन और वातावरण शुद्ध होता है। नए साल में प्रवेश से पहले इस पवित्र अनुष्ठान में भाग लेने से भक्त मानसिक स्पष्टता, स्थिर सोच और आंतरिक संतुलन का आशीर्वाद प्राप्त कर सकते हैं।
यह पूजा भ्रम, उलझन और मानसिक अशांति को दूर करने में सहायक मानी जाती है। इससे जीवन में एकाग्रता, स्थिरता और आत्मविश्वास आता है और व्यक्ति शांत मन व स्पष्ट सोच के साथ नए साल की शुरुआत कर सकता है। श्री मंदिर के मार्गदर्शन में किया गया यह विशेष वर्ष-अंत पूजा अनुष्ठान नए साल की शुरुआत को शांत, केंद्रित और आत्मविश्वास से भरपूर बनाने में दिव्य सहयोग प्रदान करता है।