मेघालय के प्रसिद्ध मंदिर

मिजोरम के 11 प्रसिद्ध मंदिर

मेघालय के सबसे सुंदर और ऐतिहासिक मंदिर! कौन से हैं ये 11 प्रसिद्ध मंदिर और क्यों हैं ये खास? जानने के लिए आगे पढ़ें!

मेघालय के मंदिरों के बारे में

मेघालय के मंदिर सिर्फ पूजा-अर्चना के केंद्र नहीं, बल्कि सदियों पुरानी आस्था, पौराणिक कथाओं और अद्भुत वास्तुकला के प्रतीक हैं। नलकटा काली मंदिर, कामाख्या मंदिर (जयंतिया हिल्स), रामकृष्ण मिशन मंदिर, और कई अन्य पवित्र स्थल यहां के धार्मिक महत्व को दर्शाते हैं। चलिए इस आर्टिकल में जानते हैं मेघालय के 11 प्रसिद्ध मंदिरों के बारे में।

मेघालय के प्रसिद्ध मंदिर

मिजोरम, जो अपने हरे-भरे जंगलों, खूबसूरत पहाड़ों और समृद्ध सांस्कृतिक विरासत के लिए प्रसिद्ध है, धार्मिक दृष्टि से भी अत्यंत महत्वपूर्ण स्थान रखता है। यहाँ स्थित हिन्दू मंदिर न केवल श्रद्धालुओं के लिए आस्था के केंद्र हैं, बल्कि भारतीय संस्कृति और परंपरा के प्रतीक भी हैं। इस लेख में हम आपको मिजोरम के 11 प्रमुख हिन्दू मंदिरों के बारे में विस्तृत जानकारी दे रहे हैं, जिसमें प्रत्येक मंदिर का इतिहास, विशेषताएँ और यात्रा संबंधी जानकारी शामिल है।

मेघालय के प्रसिद्ध मंदिर: जानें रहस्य एवं मंदिर का इतिहास

1.शिव मंदिर, आइजोल

इतिहास एवं विशेषताएँ:

आइजोल, मिजोरम की राजधानी में स्थित शिव मंदिर भगवान शिव को समर्पित एक पवित्र स्थल है। यह मंदिर यहाँ के हिंदू समुदाय द्वारा स्थापित किया गया था और वर्षों से इसकी देखभाल स्थानीय भक्तगण कर रहे हैं। महादेव के इस पावन धाम में श्रद्धालु पूरे मन से भगवान शिव की आराधना करते हैं। मंदिर की संरचना साधारण किंतु आध्यात्मिक आभा से युक्त है। यहाँ स्थापित शिवलिंग की विशेष मान्यता है, और हर वर्ष महाशिवरात्रि पर इस मंदिर में विशेष पूजा-अर्चना की जाती है।

यात्रा जानकारी:

आइजोल का सबसे नजदीकी हवाई अड्डा लेंगपुई हवाई अड्डा है, जो लगभग 30 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। यहाँ से टैक्सी या बस के माध्यम से मंदिर तक आसानी से पहुँचा जा सकता है। निकटतम रेलवे स्टेशन सिलचर (असम) है, जो लगभग 170 किलोमीटर दूर है। यहाँ से बस या टैक्सी द्वारा आइजोल पहुँचा जा सकता है। सड़क मार्ग से आइजोल अच्छी तरह से जुड़ा हुआ है, जिससे भक्तों के लिए मंदिर तक पहुंचना आसान है।

2. श्री हनुमान मंदिर, आइजोल

इतिहास एवं विशेषताएँ:

बाजार बुंगकवन क्षेत्र में स्थित यह मंदिर भगवान हनुमान को समर्पित एक प्रमुख हिंदू तीर्थस्थल है। यह मंदिर भक्तों के लिए आस्था और शक्ति का केंद्र है और यहाँ नियमित रूप से सुंदरकांड और हनुमान चालीसा का पाठ किया जाता है। मंदिर का मुख्य आकर्षण हनुमान जी की भव्य मूर्ति है, जो भक्तों को आध्यात्मिक ऊर्जा प्रदान करती है। मंदिर की वास्तुकला पारंपरिक और आधुनिक शैली का अनूठा संगम प्रस्तुत करती है। विशेष रूप से हनुमान जयंती पर यहाँ भव्य आयोजन होते हैं।

यात्रा जानकारी:

आइजोल पहुँचने के लिए लेंगपुई हवाई अड्डा सबसे नजदीकी हवाई अड्डा है, जहाँ से टैक्सी द्वारा मंदिर तक पहुँचा जा सकता है। सिलचर रेलवे स्टेशन से सड़क मार्ग द्वारा आइजोल तक यात्रा संभव है। साथ ही, मिजोरम के अन्य क्षेत्रों से भी सड़क मार्ग से आइजोल तक आसानी से पहुँचा जा सकता है।

3. इस्कॉन मंदिर, आइजोल

इतिहास एवं विशेषताएँ:

यह मंदिर श्रीकृष्ण भक्ति आंदोलन का हिस्सा है और भक्तों के लिए शांति, भक्ति और ज्ञान का प्रमुख केंद्र है। इस्कॉन मंदिर में श्री राधा-कृष्ण की सुंदर प्रतिमाएँ स्थापित हैं। मंदिर के अंदर के हिस्से में बने खूबसूरत भित्ति चित्र और आध्यात्मिक वातावरण इसे विशिष्ट बनाते हैं। यहाँ प्रतिदिन कीर्तन और भागवत कथा का आयोजन किया जाता है, जो भक्तों को आध्यात्मिक आनंद प्रदान करता है। जन्माष्टमी और रथयात्रा जैसे उत्सव यहाँ धूमधाम से मनाए जाते हैं।

यात्रा जानकारी:

यह मंदिर आइजोल के चनमारी क्षेत्र में स्थित है, जो शहर के केंद्र से अधिक दूरी पर नहीं है। लेंगपुई हवाई अड्डा यहाँ का निकटतम हवाई अड्डा है। सिलचर रेलवे स्टेशन से आइजोल आने के बाद टैक्सी द्वारा मंदिर तक पहुँचा जा सकता है। सड़कों की अच्छी व्यवस्था के कारण बस और टैक्सी के माध्यम से मंदिर तक पहुँच आसान है।

4. राम मंदिर, लुंगलेई

इतिहास एवं विशेषताएँ:

मिजोरम के दूसरे सबसे बड़े शहर लुंगलेई में स्थित यह मंदिर भगवान श्रीराम को समर्पित है। यह मंदिर हिंदू समुदाय द्वारा स्थापित किया गया था और यहाँ भगवान राम, माता सीता और लक्ष्मण जी की भव्य प्रतिमाएँ स्थापित हैं। रामनवमी जैसे पर्वों पर यहाँ विशेष पूजा-पाठ और भजन-कीर्तन होते हैं। मंदिर की पारंपरिक वास्तुकला इसे दिव्यता प्रदान करती है और श्रद्धालुओं के लिए यह एक महत्वपूर्ण तीर्थ स्थल बन चुका है।

यात्रा जानकारी:

लुंगलेई पहुँचने के लिए निकटतम हवाई अड्डा लेंगपुई है, जहाँ से सड़क मार्ग द्वारा लगभग 6 घंटे में पहुँचा जा सकता है। सिलचर रेलवे स्टेशन से भी लुंगलेई तक बस और टैक्सी सेवाएँ उपलब्ध हैं। लुंगलेई शहर में सड़क मार्ग अच्छी तरह विकसित है, जिससे मंदिर तक आसानी से पहुँचा जा सकता है।

5. लक्ष्मी नारायण मंदिर, कोलासिब

इतिहास एवं विशेषताएँ:

यह मंदिर भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी को समर्पित है और मिजोरम के वैष्णव भक्तों के लिए विशेष महत्व रखता है। मंदिर की भव्य संरचना और अंदरूनी कक्ष की अलंकृत नक्काशी इसे दर्शनीय बनाती है। यहाँ नियमित रूप से वैदिक अनुष्ठान और विशेष पूजा का आयोजन किया जाता है। दीवाली और जन्माष्टमी के अवसर पर यहाँ हजारों श्रद्धालु दर्शन के लिए आते हैं।

यात्रा जानकारी:

कोलासिब, मिजोरम के उत्तरी भाग में स्थित एक शांतिपूर्ण शहर है। लेंगपुई हवाई अड्डा यहाँ का निकटतम हवाई अड्डा है। सिलचर रेलवे स्टेशन से भी कोलासिब तक सड़क मार्ग से पहुँचा जा सकता है। सड़क मार्ग से यह स्थान अन्य शहरों से अच्छी तरह जुड़ा हुआ है।

6. श्री गणेश मंदिर, चंफाई

इतिहास एवं विशेषताएँ:

श्री गणेश मंदिर मिजोरम के चंफाई जिले में स्थित एक प्रसिद्ध हिन्दू मंदिर है। यह मंदिर भगवान गणेश को समर्पित है और यहाँ विशेष रूप से गणेश चतुर्थी के दौरान श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ती है। मंदिर की वास्तुकला आधुनिक और पारंपरिक शैली का सुंदर मिश्रण है। स्थानीय हिंदू समुदाय इस मंदिर की देखरेख करता है।

यात्रा जानकारी:

चंफाई, आइजोल से लगभग 190 किलोमीटर दूर स्थित है। निकटतम हवाई अड्डा लेंगपुई एयरपोर्ट है, जहाँ से चंफाई तक बस और टैक्सी सेवाएँ उपलब्ध हैं। निकटतम रेलवे स्टेशन सिलचर में स्थित है, जहाँ से टैक्सी या निजी वाहन द्वारा चंफाई पहुँचा जा सकता है। सड़क मार्ग से यात्रा करने के लिए आइजोल से नियमित बस सेवाएँ भी उपलब्ध हैं।

7. सूर्य मंदिर, लुंगलेई

इतिहास एवं विशेषताएँ:

लुंगलेई में स्थित सूर्य मंदिर भगवान सूर्य को समर्पित एक महत्वपूर्ण हिन्दू मंदिर है। यह मंदिर अपनी अनूठी वास्तुकला और शांत वातावरण के लिए जाना जाता है। यहाँ विशेष रूप से मकर संक्रांति और छठ पूजा के समय श्रद्धालुओं की भीड़ देखी जाती है।

यात्रा जानकारी:

लुंगलेई, आइजोल से लगभग 235 किलोमीटर दूर स्थित है। निकटतम हवाई अड्डा लेंगपुई एयरपोर्ट है, जहाँ से लुंगलेई के लिए टैक्सी और बस सेवाएँ उपलब्ध हैं। निकटतम रेलवे स्टेशन सिलचर है, जहाँ से बस या टैक्सी द्वारा लुंगलेई पहुँचा जा सकता है। सड़क मार्ग भी अच्छी स्थिति में है, जिससे निजी वाहन से यात्रा करना सुविधाजनक रहता है।

8. कालीबाड़ी मंदिर, लुंगलेई

इतिहास एवं विशेषताएँ:

कालीबाड़ी मंदिर, लुंगलेई जिले में स्थित है और यह माँ काली को समर्पित एक प्रसिद्ध मंदिर है। इस मंदिर का निर्माण बंगाली समुदाय ने किया था, जो यहाँ कई दशकों से निवास कर रहे हैं। मंदिर में देवी काली की भव्य प्रतिमा स्थापित है और इसकी वास्तुकला पारंपरिक बंगाली शैली में निर्मित है। नवरात्रि और काली पूजा के अवसर पर यहाँ विशेष हवन और अनुष्ठान किए जाते हैं, जिसमें श्रद्धालु बड़ी संख्या में भाग लेते हैं।

यात्रा जानकारी:

लुंगलेई, आइजोल से 235 किलोमीटर दूर स्थित है। निकटतम हवाई अड्डा लेंगपुई एयरपोर्ट है, जहाँ से लुंगलेई तक टैक्सी और बस सेवाएँ उपलब्ध हैं। सिलचर रेलवे स्टेशन से लुंगलेई के लिए बस और टैक्सी सेवाएँ ली जा सकती हैं।

9. राधा कृष्ण मंदिर, आइजोल

इतिहास एवं विशेषताएँ:

राधा कृष्ण मंदिर, आइजोल में स्थित एक प्रसिद्ध मंदिर है, जो भगवान श्रीकृष्ण और राधा रानी को समर्पित है। यह मंदिर हिंदू समुदाय के लिए विशेष धार्मिक और सांस्कृतिक गतिविधियों का केंद्र है। यहाँ जन्माष्टमी के अवसर पर विशेष भजन, कीर्तन और झांकियों का आयोजन किया जाता है। मंदिर परिसर में हर दिन आरती और भोग प्रसाद का आयोजन किया जाता है, जो भक्तों के बीच अत्यंत लोकप्रिय है।

यात्रा जानकारी:

यह मंदिर आइजोल शहर में स्थित है, जिससे यहाँ पहुँचना आसान है। निकटतम हवाई अड्डा लेंगपुई एयरपोर्ट (30 किलोमीटर दूर) और निकटतम रेलवे स्टेशन सिलचर (170 किलोमीटर दूर) है। आइजोल शहर के भीतर टैक्सी और बस सेवाएँ आसानी से उपलब्ध हैं।

10. पुष्पक हरी मंदिर, आइजोल

इतिहास एवं विशेषताएँ:

हरी मंदिर भगवान विष्णु और उनके अवतारों को समर्पित है। इस मंदिर में विष्णुजी की सुंदर प्रतिमा स्थापित है और यहाँ नियमित रूप से वैदिक मंत्रों का जाप किया जाता है। जन्माष्टमी, रामनवमी और अन्य हिंदू त्योहारों के दौरान यहाँ विशेष पूजा-पाठ का आयोजन किया जाता है।

यात्रा जानकारी:

यह मंदिर आइजोल के प्रमुख धार्मिक स्थलों में से एक है। लेंगपुई एयरपोर्ट (30 किलोमीटर दूर) निकटतम हवाई अड्डा है, और सिलचर (170 किलोमीटर दूर) निकटतम रेलवे स्टेशन है। मंदिर तक पहुँचने के लिए टैक्सी और बस सेवाएँ उपलब्ध हैं।

11.सोलोमन मंदिर, आइजोल

इतिहास एवं विशेषताएँ:

सोलोमन मंदिर मिज़ोरम की राजधानी आइजोल में स्थित एक भव्य ईसाई धर्मस्थल है, जो अपनी अनोखी वास्तुकला और धार्मिक महत्व के लिए प्रसिद्ध है। इस मंदिर का निर्माण बाइबिल में वर्णित राजा सोलोमन के मंदिर से प्रेरित होकर किया गया है। सफेद संगमरमर से निर्मित इसकी संरचना दूर से ही अपनी भव्यता का अहसास कराती है। यह मंदिर मिज़ोरम के ईसाई समुदाय की आस्था का प्रमुख केंद्र है और आध्यात्मिक शांति व प्रार्थना के लिए एक आदर्श स्थान माना जाता है। मंदिर की दीवारों और द्वारों पर सुंदर नक्काशी की गई है, जो इसकी विशिष्टता को और बढ़ाती है।

यात्रा जानकारी

सोलोमन मंदिर आइजोल, मिज़ोरम में स्थित है और यहाँ तक पहुँचने के लिए कई परिवहन विकल्प उपलब्ध हैं। हवाई मार्ग से आने वाले यात्रियों के लिए निकटतम हवाई अड्डा लेंगपुई हवाई अड्डा (Aizawl Airport) है, जो मंदिर से लगभग 32 किमी दूर स्थित है। यहाँ से टैक्सी या निजी वाहन द्वारा आसानी से मंदिर पहुँचा जा सकता है। रेल मार्ग की सुविधा मिज़ोरम में उपलब्ध नहीं है, इसलिए यात्रियों को निकटतम रेलवे स्टेशन सिलचर (असम) तक पहुँचना होगा, जो लगभग 170 किमी दूर स्थित है। सिलचर से आइजोल के लिए बस या टैक्सी की सेवाएँ उपलब्ध हैं। सड़क मार्ग से यात्रा करने वालों के लिए आइजोल शहर गुवाहाटी, सिलचर और शिलांग से अच्छी तरह जुड़ा हुआ है, जहाँ से नियमित बस सेवाएँ मिलती हैं। 

मिजोरम के ये सभी मंदिर न केवल धार्मिक आस्था के केंद्र हैं, बल्कि यह राज्य की सांस्कृतिक विविधता और समृद्ध हिंदू परंपराओं को भी दर्शाती हैं। यदि आप मिजोरम की यात्रा की योजना बना रहे हैं, तो इन मंदिरों के दर्शन अवश्य करें।

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श्री मंदिर द्वारा प्रकाशित·27 मार्च 2025

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