पुखराज पहनने की विधि, फायदे-नुकसान, कीमत और असली पुखराज की पहचान
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पुखराज पहनने की विधि, फायदे-नुकसान, कीमत और असली पुखराज की पहचान

बृहस्पति को मज़बूत करने वाला पुखराज रत्न देता है ज्ञान, वैवाहिक सुख और सम्मान—but गलत पहनने से हो सकते हैं उल्टे प्रभाव। जानें पूरी जानकारी।

पुखराज पहनने के बारे में

पुखराज पहनना ज्योतिष में सौभाग्य और समृद्धि का प्रतीक माना जाता है। यह गुरु ग्रह का रत्न है, जो ज्ञान, धन और वैवाहिक सुख प्रदान करता है। इसे गुरुवार के दिन सोने में जड़वाकर दाहिने हाथ की तर्जनी अंगुली में पहनना शुभ होता है। सही मंत्रों के साथ धारण करें।

पुखराज रत्न

ज्योतिष शास्त्र में रत्नों का विशेष महत्व होता है। हर रत्न की अपनी ऊर्जा और प्रभाव होते हैं, जो व्यक्ति के जीवन को सकारात्मक या नकारात्मक रूप से प्रभावित कर सकते हैं। पुखराज, जिसे टोपाज़ भी कहा जाता है, गुरु (बृहस्पति) ग्रह से संबंधित होता है। इसे धारण करने से ज्ञान, समृद्धि, वैवाहिक सुख और सौभाग्य की प्राप्ति होती है। लेकिन इसे धारण करने से पहले सही जानकारी होना बहुत आवश्यक है। पुखराज से जुड़ी सभी महत्वपूर्ण जानकारियाँ हम आगे जानेंगे।

पुखराज पहनने की विधि

  • सही दिन और समय: पुखराज धारण करने का सबसे उत्तम दिन गुरुवार माना जाता है। इसे गुरु पुष्य नक्षत्र में पहनना सबसे अधिक प्रभावी होता है।
  • सही धातु का चयन: पुखराज को सोने में जड़वाकर पहनना सबसे उत्तम होता है। अगर सोना संभव न हो तो इसे पंचधातु में भी पहना जा सकता है।
  • अंगूठी या लॉकेट: इसे तर्जनी (अनामिका) उंगली में पहनना चाहिए। लेकिन कुछ विशेष परिस्थितियों में इसे लॉकेट के रूप में भी पहना जा सकता है।
  • शुद्धिकरण और सिद्धि: पुखराज को पहनने से पहले शुद्ध करना आवश्यक है। इसे गाय के दूध, गंगा जल, शहद और तुलसी के पत्तों से धोकर, पीले वस्त्र पर रखकर गुरु मंत्र का जाप करें: “ॐ ग्रां ग्रीं ग्रौं सः गुरवे नमः” (108 बार)
  • पहले प्रभाव का परीक्षण: पहले कुछ दिनों तक इसे पहनकर अपने जीवन में होने वाले बदलावों का आकलन करें। अगर सकारात्मक प्रभाव हो तो इसे पहनते रहें।

पुखराज के फायदे

  • आर्थिक उन्नति: यह धन, व्यापार और कैरियर में सफलता लाने में मदद करता है।
  • वैवाहिक जीवन में सुख: यह विवाह में आ रही अड़चनों को दूर कर वैवाहिक सुख प्रदान करता है।
  • बुद्धिमत्ता और शिक्षा: विद्यार्थियों के लिए यह विशेष रूप से लाभकारी है क्योंकि यह ज्ञान और समझ को बढ़ाता है।
  • स्वास्थ्य लाभ: पुखराज लीवर, मोटापा, डायबिटीज और गले के रोगों में राहत देता है।
  • सकारात्मक ऊर्जा: इसे धारण करने से मानसिक शांति और आत्मविश्वास बढ़ता है।

पुखराज के नुकसान

  • अगर यह अशुद्ध या दोषपूर्ण हो तो इसके नकारात्मक प्रभाव हो सकते हैं।
  • यह किसी गलत राशि के व्यक्ति को नुकसान पहुंचा सकता है।
  • अगर यह टूट जाए तो इसे तुरंत हटा देना चाहिए।

पुखराज की कीमत

पुखराज की कीमत उसकी गुणवत्ता, कैरेट और उत्पत्ति पर निर्भर करती है। भारतीय बाजार में 2,000 रुपये प्रति कैरेट से लेकर 50,000 रुपये प्रति कैरेट तक इसकी कीमत हो सकती है।

पुखराज किसे पहनना चाहिए?

  • मेष, सिंह, धनु और मीन राशि के जातकों को विशेष रूप से यह लाभकारी होता है।
  • जिनकी कुंडली में गुरु ग्रह कमजोर हो, वे इसे धारण कर सकते हैं।
  • शिक्षक, वकील, लेखक, व्यापारी, आध्यात्मिक गुरु और छात्र इससे विशेष लाभ प्राप्त कर सकते हैं।

पुखराज किस राशि को नहीं पहनना चाहिए?

  • वृषभ, मिथुन, कन्या, तुला, मकर राशि और कुंभ के जातकों को बिना ज्योतिषीय परामर्श के इसे नहीं पहनना चाहिए।

पुखराज कितने दिन में असर दिखाता है?

  • आमतौर पर 10-15 दिनों में पुखराज प्रभाव दिखाने लगता है। कभी-कभी यह 30-45 दिनों में भी परिणाम देना शुरू करता है।

असली पुखराज की पहचान

  • निर्मलता: असली पुखराज पूरी तरह से पारदर्शी होता है।
  • रंग: इसका रंग हल्का पीला से गहरा सुनहरा होता है।
  • कठोरता: यह अन्य पत्थरों की तुलना में अधिक कठोर होता है।
  • प्राकृतिक संकेत: अगर पुखराज को हल्के गर्म पानी में रखा जाए और उसमें बुलबुले आएं, तो यह नकली हो सकता है।
  • स्क्रैच टेस्ट: इसे कांच पर रगड़ने पर अगर स्क्रैच बने तो यह असली हो सकता है।
  • यूवी लाइट टेस्ट: असली पुखराज पर यूवी लाइट डालने पर हल्की रोशनी उत्पन्न होती है।

निष्कर्ष

पुखराज एक प्रभावशाली और बेहद शुभ रत्न माना जाता है, जो व्यक्ति के जीवन में समृद्धि, ज्ञान और सौभाग्य लाता है। ज्योतिष शास्त्र में ऐसा माना जाता है कि जिस जातक पर पुखराज रत्न सूट कर गया, उसे यह फर्श से अर्श पर पहुंचा देता है। यह बृहस्पति को इतना प्रबल बना देता है कि हर तरफ से धन आगमन के स्त्रोत खुल जाते हैं। लेकिन इसे धारण करने से पहले सही ज्योतिषीय परामर्श लेना आवश्यक है। यदि यह सही व्यक्ति द्वारा सही विधि से पहना जाए, तो इसके अद्भुत लाभ प्राप्त किए जा सकते हैं।

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Published by Sri Mandir·April 11, 2025

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