अक्षय तृतीया का शुभ मुहूर्त एवं महत्व

अक्षय तृतीया का शुभ मुहूर्त एवं महत्व

इस दिन ख़रीदें सोना, माँ लक्ष्मी होंगी प्रसन्न!


अक्षय तृतीया क्यों मनाया जाता है? (Why is Akshaya Tritiya celebrated?)

अक्षय तृतीया का पर्व वैशाख महीने की शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को उत्सव की तरह मनाया जाता है। अक्षय का मतलब है जिसका कभी क्षय ना हो यानी जो कभी नष्ट ना हो। शास्त्रों में अक्षय तृतीया का दिन बहुत ही शुभ माना जाता है। कहा जाता है कि इस दिन किए गए कार्यों से जीवन में बरकत आती है। इसके परिणाम कभी ख़त्म नहीं होते। इसलिए इस दिन अधिक से अधिक दान आदि किया जाता है।

अक्षय तृतीया के संबंध में कहा जाता है कि वैशाख के समान कोई महीना नहीं है, सत्ययुग के समान कोई युग नहीं है, वेद के समान कोई शास्त्र नहीं है और गंगाजी के समान कोई तीर्थ नहीं है और इसी प्रकार अक्षय तृतीया के समान कोई तिथि नहीं है। मान्यता है कि इस तिथि पर सतयुग की शुरुआत हुई थी। इसलिए इस दिन को लोग कोई नया काम शुरू करने के लिए बेहद शुभ मानते हैं। इस दिन चारों धाम के पट खुलते हैं। यज्ञ और उपवास के अच्छे नतीजे मिलते हैं। इन सब के अलावा ये दिन इसलिए भी खास है कि इस दिन परशुराम जयंती मनाई जाती है।

अक्षय तृतीया को शुभ मानने के पीछे कई कारण हैं। इस दिन कई ऐसी शुभ घटनाएं घटी हैं जिनके बारे में बहुत से लोगों को जानकारी नहीं है। आइए जानें-

  • भगवान विष्णु के छठे अवतार भगवान परशुराम का जन्म अक्षय तृतीया के दिन ही हुआ था। इस दिन को परशुराम जयंती के रूप में भी मनाया जाता है। भगवान परशुराम को आठ चिरंजीवियों में से एक माना जाता है। ऐसा माना जाता है कि वह आज भी धरती पर मौजूद हैं।

  • ऐसा माना जाता है कि अक्षय तृतीया के दिन ही भगवान वेद व्यास ने महाभारत की कहानी सुनानी शुरू की थी और भगवान गणपति ने इसे लिखना शुरू किया था। इस महाभारत में गीता भी सम्मिलित है।

-यह भी माना जाता है कि इसी दिन मां गंगा धरती पर अवतरित हुई थीं। इसलिए इस दिन गंगा स्नान का विशेष महत्व माना जाता है। इस दिन गंगा स्नान करने से जाने-अनजाने में किये गये पाप धुल जाते हैं।

  • अक्षय तृतीया के दिन ही सुदामा की अपने मित्र भगवान कृष्ण से मुलाकात हुई थी। सुदामा ने कृष्ण को उपहार स्वरूप केवल कुछ मुट्ठी चावल के दाने दिये थे। उसके पास श्री कृष्ण को देने के लिए कुछ भी नहीं था। भाव-भूखे भगवान उनके प्रेम से प्रसन्न हुए और उनकी झोपड़ी को महल में बदल दिया।

अक्षय तृतीया के दिन क्या करें? (What to do on the day of Akshaya Tritiya?)

  • अक्षय तृतीया के दिन कोई शुभ कार्य या कोई नया कार्य शुरू करना चाहते हैं या फिर भविष्य की किसी योजना को शुरू करना चाहते हैं तो इस दिन कर सकते हैं।
  • यह दिन विवाह जैसे मांगलिक कार्य के लिए भी उत्तम होता है।
  • इसके अलावा अक्षय तृतीया के दिन नया वाहन, मकान, प्लाट आदि की खरीदारी कर सकते हैं।
  • कहा जाता है कि इस दिन खरीदी गई संपत्ति में हमेशा वृद्धि होती है।
  • वहीं जिन व्यक्ति की आर्थिक स्थिति ठीक ना हो, तो इस दिन सोना या सोने का आभूषण खरीदें।
  • ऐसा करने से कहा जाता है कि व्यक्ति के भाग्य में वृद्धि होती है साथ ही सुख-समृद्धि भी बढ़ती है।
  • वहीं इस दिन इस बात का विशेष ध्यान रखें कि मांस और मदिरा का सेवन बिल्कुल भी ना करें। ऐसा करने से व्यक्ति के दुर्भाग्य बढ़ सकता है। इसके अलावा अक्षय तृतीया के दिन किसी भी गरीब या जरूरतमंद का उपहास न करें। और अगर अक्षय तृतीया के दिन कोई जरूरतमंद आपके द्वार पर आए तो उसे खाली हाथ विदा ना करें।

अक्षय तृतीया के दिन क्या न करें? (What not to do on the day of Akshaya Tritiya?)

  • अक्षय तृतीया के दिन बिना स्नान किए तुलसी की पत्तियां नहीं तोड़नी चाहिए।
  • ऐसा इसलिए कहा जाता है क्योंकि भगवान विष्णु को तुलसी बहुत ही प्रिय होती हैं और ऐसा करने से मां लक्ष्मी नाराज हो जाती है।
  • इसके अलावा जिन लोगों ने अक्षय तृतीया के पहले दिन कोई व्रत रखा है तो उन्हें इस बात का ध्यान रखना है कि अक्षय तृतीया के दिन उपवास खत्म ना करें।

अक्षय तृतीया कब है शुभ मुहूर्त? (Akshaya Tritiya Date 2024)

हिंदू कैलेंडर के अनुसार, हर वर्ष वैशाख मास में शुक्ल पक्ष के तीसरे दिन अक्षय तृतीया का पर्व मनाया जाता है। ग्रेगोरियन कैलेंडर के अनुसार, यह पर्व अप्रैल या मई के महीने में पड़ता है। ये पर्व भगवान विष्णु को समर्पित होता है। आपको बता दें कि अक्षय तृतीया को कई जगहों पर आखातीज के नाम से भी जाना जाता हैं।

चलिए जानते हैं कि वर्ष 2024 में अक्षय तृतीया कब मनाई जाएगी

साल 2024 में अक्षय तृतीया 10 मई, शुक्रवार को मनाई जाएगी। तृतीया तिथि का प्रारम्भ 10 मई 2024 को सुबह 04 बजकर 17 मिनट से होगा और तृतीया तिथि का समापन 11 मई 2024 को सुबह 02 बजकर 50 मिनट पर होगा । अक्षय तृतीया का पूजा मुहूर्त प्रातःकाल सुबह 05 बजकर 16 मिनट से सुबह 11 बजकर 55 मिनट तक रहेगा ।

जैसा कि आप जानते हैं कि सोना हमेशा भारतीय संस्कृति में धन और समृद्धि का प्रतीक माना जाता रहा है। इसलिए अक्षय तृतीया पर इसकी खरीददारी करना अत्यंत शुभ माना जाता है। कहा जाता है कि इस दिन घर में सोना लाने से कभी संपन्नता बनी रहती है।

जानते हैं कि इस वर्ष अक्षय तृतीया पर सोना ख़रीदने का मुहूर्त कब है

अक्षय तृतीया पर सोने की ख़रीददारी के लिए बृहस्पतिवार 9 मई 2024 को शुभ समय सुबह 04 बजकर 17 मिनट से सुबह 05 बजकर 16 मिनट तक रहेगा।

और 10 मई 2024 को अक्षय तृतीया के पूरे दिन सोने की खरीदारी के लिए शुभ समय है जो 10 मई सुबह 05 बजकर 16 मिनट से शुरू होगा और 11 मई सुबह 02 बजकर 50 मिनट तक रहेगा।

अक्षय तृतीया के दिन क्या खरीदें (What to buy on Akshaya Tritiya)

ऐसी मान्यता है कि अक्षय तृतीया के दिन सोना अवश्य खरीदना चाहिए। ऐसी मान्यता है कि अक्षय तृतीया पर माता लक्ष्मी ने अपनी तपस्या से भगवान विष्णु को प्रसन्न किया था। और जैसा कि आप जानते हैं, सोने को माता लक्ष्मी का प्रतीक माना गया है। ऐसे में अक्षय तृतीया के पावन पर्व पर सोने की खरीददारी करना , उसे घर में लाना, स्वयं माता लक्ष्मी को अपने घर में आमंत्रित करने जैसा माना जाता है।

अक्षय तृतीया पर सोना ख़रीदने का क्या महत्व है?

इस दिन सोना ख़रीदने से माता लक्ष्मी प्रसन्न होती हैं, और उनके आशीर्वाद के प्रभाव से आपके घर में कभी भी धन धान्य की कमी नहीं होती है।

अक्षय तृतीया के दिन को लेकर एक मान्यता ये भी है कि इस दिन किए जाने वाले हर शुभ कार्य का फल अक्षय रहता है, और निरंतर बढ़ता रहता है। इसी प्रकार इस दिन यदि हम अपने घर में सोना लाते हैं, तो हमारा घर सदैव सोने जैसी बहुमूल्य वस्तुओं से भरा रहता है।

एक अन्य मान्यता के अनुसार अक्षय तृतीया के दिन धन के देवता कुबेर ने भगवान शिव की आराधना की थी, जिसके फलस्वरूप उन्हें समृद्धि का वरदान प्राप्त हुआ था। इसलिए भी इस दिन सोने की खरीददारी करना उत्तम माना जाता है।

अगर इस दिन आप किसी कारण वश सोना न ख़रीद पाएं तो निराश न हों। बस विधि विधान से भगवान विष्णु व माता लक्ष्मी की उपासना करें, ब्राह्मण व निर्धन को यथासंभव दान दें। आप पर अति शीघ्र ही माता लक्ष्मी की कृपा होगी, और आप निश्चय ही सोना व अन्य बहुमूल्य वस्तुएं खरीदने के लिए आर्थिक रूप से सक्षम हो पाएंगे।

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