भाद्रपद मास प्रारम्भ 2024
भाद्रपद प्रारम्भ संपूर्ण जानकारी
हिंदू धर्म में साल के बारह मासों की तरह भाद्रपद मास का भी विशेष धार्मिक महत्व है। इसी मास में भगवान विष्णु के अवतार माने जाने वाले भगवान श्री कृष्ण का जन्मोत्सव और गणेश उत्सव जैसे कई बड़े पर्व मनाए जाते हैं। भाद्रपद मास में जप, तप, व्रत, दान और खान-पान से जुड़े कुछ विशेष नियम बताए गए हैं।
चलिए इस लेख में विस्तार से जानेंगे कि:
- भाद्रपद मास 2024 कब आरंभ होगा?
- भाद्रपद मास का महत्व क्या है?
- भाद्रपद मास में क्या करें?
- भाद्रपद मास में क्या न करें?
- भादों मास के प्रमुख व्रत एवं पर्व
भाद्रपद मास कब आरंभ होगा?
- भाद्रपद मास 20 अगस्त 2024, मंगलवार से प्रारंभ होगा।
- भाद्रपद मास का समापन 17 सितंबर, मंगलवार को होगा।
भाद्रपद मास का महत्व क्या है?
भाद्रपद मास में धार्मिक कार्यों जैसे स्नान, दान, और व्रत करने आदि का विशेष महत्व है। इस मास में की गयी पूजा-साधना, मंत्र जाप, व्रत, उपवास आदि बहुत फलदाई माने जाते हैं।हालांकि भाद्रपाद मास में कोई भी मांगलिक कार्य करना वर्जित माना जाता है। इस मास में भगवान शिव, माता पार्वती, भगवान विष्णु, भगवान श्रीकृष्ण के साथ श्री गणेश जी की पूजा करने का विशेष महत्व बताया गया है।
भाद्रपद मास में क्या करें?
- पुराणों के अनुसार भाद्रपद मास में पवित्र नदियों में स्नान करने से सभी पाप नष्ट होते हैं।
- भाद्रपद मास में निर्धन व्यक्तियों को दान देने से भगवान श्रीकृष्ण की विशेष कृपा प्राप्त होती है।
- इस महीने में भगवान कृष्ण की पूजा में तुलसी का भोग अवश्य लगाएं।
- शारीरिक और बौद्धिक विकास के लिए इस महीने में स्वात्विक भोजन करें।
- ऐसी मान्यता है कि भाद्रपद मास में गाय के दूध का सेवन और भगवान कृष्ण को पंचगव्य अर्पित करने से वंश की वृद्धि होती है।
भाद्रपद मास में क्या न करें?
- शास्त्रों में कहा गया है कि भाद्रपद मास में गुड़, दही और उससे बने खाद्य पदार्थों के सेवन से स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं हो सकती हैं।
- भाद्रपद मास को भक्ति और साधना के लिए उपयुक्त माना जाता है। ऐसे में इस महीने लहसुन, प्याज, मांस और मदिरा का सेवन न करें।
- धार्मिक मान्यताओं के अनुसार भाद्रपद मास में दूसरों के दिए चावल खाने या नारियल के तेल का प्रयोग करने से घर में दरिद्रता आती है, इसलिए भूलकर भी ऐसा न करें।
- भाद्रपद मास में रविवार के दिन नमक खाना और बाल कटवाना अशुभ माना जाता है, इसलिए इस नियम का भी विशेष ध्यान रखें।
भाद्रपद मास के प्रमुख व्रत एवं पर्व:
कजरी तीज - 22 अगस्त 2024, बृहस्पतिवार
ये व्रत भाद्रपद मास का पहला महत्वपूर्ण व्रत है। कजली या कजरी तीज भाद्रपद मास के कृष्ण पक्ष की तृतीया को मनाई जाती है।
श्री कृष्ण जन्माष्टमी - 26 अगस्त 2024, सोमवार
श्री कृष्ण जन्माष्टमी का पर्व हर साल भाद्रपद मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को मनाया जाता है।
अजा एकादशी - 29 अगस्त 2024, बृहस्पतिवार
भाद्रपद मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि को अजा एकादशी कहते हैं।
भाद्रपद अमावस्या - 02 सितंबर 2024, सोमवार
भाद्रपद मास की अमावस्या के दिन पिंडदान, तर्पण आदि अनुष्ठान किए जाते हैं।
हरतालिका तीज - 06 सितंबर 2024, शुक्रवार
हरतालिका तीज का व्रत हर साल भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को मनाया जाता है। इस दिन देवी पार्वती को गौरी के रूप में पूजा जाता है।
गणेश चतुर्थी - 07 सितंबर 2024, शनिवार
भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि को गणेश चतुर्थी के रूप में मनाया जाता है। इस दिन भगवान गणेश की स्थापना की जाती है और अनंत चतुर्दशी को उनका विसर्जन होता है।
ऋषि पंचमी - 08 सितंबर 2024, रविवार
भाद्रपद के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को ऋषि पंचमी के रूप में मनाया जाता है।
परिवर्तनी एकादशी - 14 सितंबर 2024, शनिवार
इस एकादशी को देवझुलनी या पद्मा एकादशी भी कहा जाता है। ये व्रत भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को किया जाता है।
अनंत चतुर्दशी - 17 सितंबर 2024, मंगलवार
अनंत चतुर्दशी का पर्व भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी तिथि को मनाया जाता है।
भाद्रपद पूर्णिमा - 18 सितंबर 2024, बुधवार
यह भाद्रपद मास की अंतिम तिथि व अंतिम दिन है। इसके बाद अश्विन मास का आरंभ होता है।
तो यह थी भाद्रपद प्रारंभ से जुड़ी संपूर्ण जानकारी। आप भी इस पूरे मास सच्चे मन से भगवान शिव, श्री विष्णु, श्री कृष्ण व गणेश जी की पूजा अर्चना करें। अवश्य ही प्रभु आपकी सभी मनोकामनाएं पूर्ण करेंगे। ऐसे ही व्रत, त्यौहार व अन्य धार्मिक जानकारियों के लिए जुड़े रहिए 'श्री मंदिर' वेबसाइट पर।