इस विशेष दिन के महत्व और अनुष्ठानों के बारे में जानकारी प्राप्त करें।
हिंदू धर्म के अनुसार, दर्श अमावस्या के दिन चंद्र देव की विशेष पूजा का विधान है। इस दिन पूरी श्रद्धा के साथ चंद्रमा की आराधना करने से सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं। साथ ही, इस पावन तिथि पर पितरों की पूजा, तर्पण, स्नान एवं दान करना विशेष फलदायी माना गया है। पूर्वजों के निमित्त अनुष्ठान करने की परंपरा के कारण इस दिन को 'श्राद्ध अमावस्या' भी कहा जाता है।
मुहूर्त | समय |
ब्रह्म मुहूर्त | 04:19 ए एम से 05:09 ए एम |
प्रातः सन्ध्या | 04:44 ए एम से 05:59 ए एम |
अभिजित मुहूर्त | 11:19 ए एम से 12:05 पी एम |
विजय मुहूर्त | 01:37 पी एम से 02:22 पी एम |
गोधूलि मुहूर्त | 05:25 पी एम से 05:51 पी एम |
सायाह्न सन्ध्या | 05:25 पी एम से 06:41 पी एम |
अमृत काल | 03:51 पी एम से 05:38 पी एम |
निशिता मुहूर्त | 11:17 पी एम से 12:08 ए एम, अक्टूबर 22 |
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