10 दिन का ही क्यों होता है गणेश उत्सव! जानें इसकी वजह
गणेशोत्सव की तैयारियां शुरू हो चुकी हैं और सभी भक्तजन गणेश जी को अपने-अपने घरों में लाने के लिए उत्साहित हैं। ये तो हम सभी जानते हैं कि गणेशोत्सव पूरे धूमधाम से 10 दिनों तक मनाया जाता है, लेकिन क्या आपको मालूम है कि इसे 10 दिनों तक ही क्यों मनाया जाता है?
अगर आपको इसकी जानकारी नहीं है तो यह जानने के लिए इस लेख को अंत तक अवश्य पढ़ें।
सबसे पहले बात करते हैं कि इस पर्व को 10 दिनों तक मनाने की परंपरा कैसे शुरू हुई। अगर बात करें इससे जुड़ी हुई पौराणिक कथा की तो भगवान गणेश और वेद व्यास द्वारा लिखी गई महाभारत की कहानी में हमें इस प्रश्न का उत्तर मिलता है। इसके अनुसार, वेद व्यास जी ने भगवान गणेश जी को महाभारत की कथा को लिपिबद्ध करने के लिए कहा। जिस पर गणेश जी ने कहा मैं अपनी कलम से जब लिखना प्रारंभ करूंगा तो बीच में कहीं भी रुकूंगा नहीं और यदि कलम रुक गई तो लिखना छोड़ दूंगा।
वेद व्यास जी ने उनकी बात मानकर निरंतर 10 दिनों तक इस कथा का वाचन किया और भगवान गणेश जी एक ही मुद्रा में बैठकर महाभारत को लिपिबद्ध करते रहे। गणेश चतुर्थी के दिन भगवान गणेश जी ने महाभारत को लिखना शुरू किया और 10 दिनों के बाद अनंत चतुर्दशी के दिन उन्होंने इस कार्य को पूरा किया। इसी वजह से इस उत्सव को 10 दिनों तक मनाया जाता है।
इसके अलावा अगर हम इतिहासकारों की मानें तो भारत में भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि को गणेश चतुर्थी का पर्व हजारों साल से मनाया जा रहा है। चलिए इतिहास में पीछे जा कर देखते हैं कि कैसे इस पर्व को 10 दिनों तक मनाने की परंपरा का आरंभ हुआ।
विद्वानों का मानना है कि जब भारत में पेशवाओं का शासन था, उस समय इस पर्व को भव्य रूप से मनाया जाने लगा। जब अंग्रेज़ भारत आए तो उन्होंने पेशवाओं के राज्य पर अधिकार कर लिया। इसी कारण गणेश उत्सव की भव्यता में कमी आने लगी, लेकिन ये परंपरा बनी रही। लोग इस बात से नाखुश थे और उनमें इस वजह से असंतोष बढ़ने लगा।
लोकमान्य तिलक जी के मन में इस उत्सव को पुनर्जीवित करने का विचार आया क्योंकि यह लोगों को संगठित करने का सबसे अच्छा तरीका था। लोकमान्य तिलक ने विचार किया कि श्रीगणेश ही एकमात्र ऐसे देवता हैं जो समाज के सभी स्तरों में पूजनीय हैं। गणेशोत्सव एक धार्मिक उत्सव होने के कारण अंग्रेज शासक भी इसमें दखल नहीं दे सकेंगे। इसी विचार के साथ लोकमान्य तिलक ने सार्वजनिक गणेशोत्सव की शुरूआत की। इस प्रकार गणेशोत्सव ने आजादी की लड़ाई में महत्वूपर्ण योगदान दिया।
इसके अलावा इस पर्व को 10 दिनों तक मनाने का विचार भी लोकमान्य तिलक जी का था, इस संबंध में उन्होंने पुणे में एक सभा आयोजित की। इस सभा में ये तय किया गया कि भाद्रपद शुक्ल चतुर्थी से भाद्रपद अनंत चतुर्दशी तक गणेश उत्सव मनाया जाए।
10 दिनों के इस उत्सव में हिंदुओं को एकजुट करने व देश को आजाद करने के लिए विभिन्न योजनाओं पर भी विचार किया जाता था।
तो इस प्रकार इस पर्व को 10 दिनों तक मनाने की परंपरा शुरू हो गई और आज भी इस परंपरा को आगे बढ़ाते हुए धूमधाम से पूरे देश में गणेशोत्सव मनाया जाता है।
चलिए अब जान लेते हैं कि इन 10 दिनों में से आप कितने दिनों के लिए भगवान गणेश जी की प्रतिमा को घर पर स्थापित कर सकते हैं।
आपको बता दें, भक्त भगवान गणेश जी को अपनी श्रद्धानुसार 1.5 दिन, 3 दिन, 5 दिन, 7 दिन, 9 दिन या पूरे 10 दिन भी स्थापित कर सकते हैं। बस इस बात का विशेष ध्यान रखें कि आप बप्पा जी की स्थापना और विसर्जन पूरे विधि-विधान से करें।
तो इस लेख में आपने यह जाना कि गणेशोत्सव 10 दिनों तक क्यों मनाया जाता है और आप कितने दिनों तक भगवान गणेश जी की प्रतिमा को अपने घर में स्थापित कर सकते हैं।