हनुमान जयंती तमिल
भक्ति, शक्ति और दृढ़ता के प्रतीक हनुमान की भगवान राम के प्रति अनन्य भक्ति, जगत प्रसिद्ध है। श्री राम चरित मानस के 'किष्किंधा कांड' में वर्णन मिलता है कि जब हनुमान जी का भगवान श्री राम से प्रथम मिलन हुआ, तब वो श्रीराम को पहचान ना सके। जिसके पश्चात उनका मन अत्यंत ग्लानि से भर गया। इस पर रघुनंदन ने कहा- हे कपि! सुनो, मन छोटा न करना। तुम मुझे लक्ष्मण से भी दूने प्रिय हो। दक्षिण भारतीय राज्यों में इन्हीं महावीर हनुमान को समर्पित तमिल हनुमान जयंती मनाई जाती है।
चलिए इस लेख में जानते हैं
- तमिल हनुमान जयंती कब है?
- तमिल हनुमान जयंती का महत्व क्या है?
- इतने दिनों तक चलता है तमिल हनुमान जन्मोत्सव
- हनुमान जयंती के दिन होने वाले अनुष्ठान
- हनुमान जयंती पूजा के लाभ
तमिल हनुमान जयंती कब है?
हनुमान जयंती पर्व देश के विभिन्न क्षेत्रों में अलग-अलग तिथियों पर मनाया जाता है। इसी प्रकार तमिल पंचांग के अनुसार दक्षिण भारतीय राज्यों में हर साल वैशाख मास के कृष्ण पक्ष की दशमी तिथि को तमिल हनुमान जयंती मनाई जाती है।
- साल 2024 में तमिल हनुमान जयंती 30 दिसंबर, सोमवार को मनाई जाएगी।
- अमावसाई तिथि 30 दिसंबर 2024 को प्रातः 04 बजकर 01 मिनट पर प्रारंभ होगी।
- अमावसाई तिथि का समापन 31 दिसंबर 2024 को मध्य रात्रि 03 बजकर 56 मिनट पर होगा।
तमिल हनुमान जयंती का महत्व
- तमिल हनुमान जयंती विशेष रूप से आंध्र प्रदेश व तेलंगाना में मनाई जाती है। इस पर्व पर तमिल समाज के लोग हनुमान जी की आस्था पूर्वक आराधना करते हैं।
- माना जाता है कि हनुमान जी को चिरंजीवी होने का वरदान प्राप्त है। वो आज भी पृथ्वी पर अदृश्य शक्ति के रूप में मौजूद हैं, और अपने भक्तों की मात्र एक पुकार पर ही अति शीघ्र उनके सारे संकट दूर करते हैं।
- एक पौराणिक मान्यता के अनुसार ऐसा भी कहा जाता है कि वैशाख मास के कृष्ण पक्ष की दशमी तिथि को ही हनुमान जी का भगवान श्रीराम से मिलन हुआ था।
इतने दिनों तक चलता है हनुमान जन्मोत्सव
दक्षिण भारत में हनुमान जन्मोत्सव का पर्व चैत्र मास की पूर्णिमा तिथि से प्रारंभ होता है, और पूरे 41 दिनों तक मनाया जाता है। हनुमान जन्मोत्सव का समापन वैशाख मास के कृष्ण पक्ष दशमी तिथि को होता है। इसे चैत्र पूर्णिमा से शुरू होने वाले 41 दिवसीय हनुमान दीक्षा के समापन का प्रतीक माना जाता है। उत्सव के 41 दिनों के दौरान हनुमान जी के मंदिरों को विशेष रूप से सजाया जाता है, और पूजा अर्चना की जाती है।
हनुमान जयंती के दिन होने वाले अनुष्ठान
- हनुमान जयंती के अवसर पर भक्त प्रातः ब्रह्म मुहूर्त में स्नान करके स्थानीय हनुमान मंदिरों में दर्शन करने के लिए जाते हैं।
- इस दिन लोग शुद्ध मन से हनुमान जी की आराधना करते हैं।
- कुछ जातक हनुमान जयंती के अवसर पर उपवास भी रखते हैं।
- इस दिन बजरंगबली को सिंदूर व लाल वस्त्र अर्पित करने का विशेष महत्व होता है।
- हनुमान जी की संपूर्ण कृपा प्राप्त करने के लिए भक्त इस दिन हनुमान चालीसा, हनुमान अष्टक, सुंदरकांड व बजरंगबाण का पावन पाठ करते हैं।
हनुमान जयंती पूजा के लाभ
- पवनसुत, मंगलमूर्ति, संकटमोचन आदि कहे जाने वाले श्री हनुमान के नाम के स्मरण मात्र से ही भक्तों के समस्त दुखों का नाश हो जाता हैं।
- हनुमान जयंती के अवसर पर जो जातक सच्चे मन से बजरंगबली का सुमिरन करते हैं, उन्हें गृह क्लेश से मुक्ति मिलती है, और घर में सुख शांति आती है।
- इस दिन हनुमान जी की उपासना करने से अतुलनीय बल की प्राप्ति होती है, वहीं पवन की गति से चलने वाले पवन पुत्र अपने भक्तों की बुद्धि भी अत्यंत तीव्र करते हैं।
- हनुमान जयंती के अवसर पर हनुमान चालीसा का पाठ करने मात्र से ही व्यक्ति के समस्त संकट टल जाते है, साथ ही असाध्य रोगों से भी मुक्ति मिलती है।
- इस दिन हनुमान जी की आराधना करने से आपके जीवन की हर बाधा दूर होती है, और भूत-प्रेत आदि बुरी आत्माओं का प्रभाव भी नष्ट हो जाता है।
तो भक्तों, ये थी तमिल हनुमान जयंती से जुड़ी विशेष जानकारी। हमारी कामना है कि आपकी पूजा व व्रत सफल हो, हनुमान जी आप पर प्रसन्न हों और आजीवन अपनी कृपा बनाएं रखें। ऐसे ही व्रत, त्यौहार व अन्य धार्मिक जानकारियां निरंतर पाते रहने के लिए बने रहिए 'श्री मंदिर' पर।