जया पार्वती व्रत 2023

जया पार्वती व्रत 2023

जया पार्वती व्रत का शुभ मुहूर्त और पूजा विधि


जया पार्वती व्रत 2023

जया पार्वती व्रत माता पार्वती को समर्पित पर्व है। सुहागिन स्त्रियां इस व्रत को रखकर माता से अपना सुहाग अखंड होने की कामना करती हैं, और कुंवारी कन्याएं ये व्रत सुयोग्य वर पाने के लिए रखती हैं। लेकिन क्या आप जानते है कि 2023 में जया पार्वती व्रत कब है? अगर नहीं तो हम बताएंगे कि इस वर्ष 2023 में जया पार्वती व्रत कब है। जयापार्वती व्रत हर वर्ष अषाढ़ मास के शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि से प्रारंभ होकर कृष्ण पक्ष की तृतीया पर समाप्त होता है। इस बार जया पार्वती व्रत 2023 में 1 जुलाई को है। चलिए जानते हैं कि इस साल जया पार्वती व्रत कब है

जया पार्वती व्रत का शुभ मुहूर्त

जया पार्वती व्रत 01 जुलाई, शनिवार को प्रारंभ होगा। जया पार्वती व्रत का समापन 06 जुलाई, गुरुवार को होगा। जया पार्वती पूजा मुहूर्त 01 जुलाई, शनिवार शाम को 06 बजकर 53 मिनट से 08 बजकर 56 मिनट तक रहेगा। त्रयोदशी तिथि 30 जून की मध्यरात्रि 01 बजकर 16 मिनट पर प्रारंभ होगी। त्रयोदशी तिथि 01 जुलाई को रात 11 बजकर 07 मिनट पर समाप्त होगी। जया पार्वती व्रत- 01 जुलाई, शनिवार (आषाढ़ शुक्ल त्रयोदशी) त्रयोदशी तिथि प्रारम्भ: 01 जुलाई, शनिवार को 01:16 AM पर त्रयोदशी तिथि समापन: 01 जुलाई, शनिवार को 11:07 PM पर जया पार्वती पूजा का समय- 01 जुलाई, शनिवार 06:53 PM से 08:56 PM तक इस दिन ब्रह्म मुहूर्त प्रातः 03 बजकर 49 मिनट से प्रातः 04 बजकर 30 मिनट तक रहेगा। प्रातः सन्ध्या मुहूर्त प्रात: 04 बजकर 09 मिनट से सुबह 05 बजकर 11 मिनट तक होगा। अभिजित मुहूर्त दिन में 11 बजकर 34 मिनट से 12 बजकर 29 मिनट तक रहेगा। विजय मुहूर्त दिन में 02 बजकर 19 मिनट से 03 बजकर 13 मिनट तक रहेगा। इस दिन गोधूलि मुहूर्त शाम में 06 बजकर 51 मिनट से 07 बजकर 12 मिनट तक रहेगा। सायाह्न सन्ध्या काल शाम में 06 बजकर 53 मिनट से 07 बजकर 54 मिनट तक रहेगा।

विषेश योग

रवि योग दोपहर 03 बजकर 04 मिनट से 02 जुलाई को सुबह 05 बजकर 11 मिनट तक रहेगा। लेकिन क्या आप जानते हैं कि जया पार्वती व्रत कैसे करें और उसकी पूजा विधि क्या है? तो आइए जानते है जया पार्वती व्रत की पूजा विधि।

जया पार्वती व्रत की पूजा विधि

जया पार्वती व्रत की पूजा विधि को शुरू करने से पहले, आषाढ़ शुक्ल त्रयोदशी के दिन ब्रह्म मुहूर्त में उठ जाएं। इसके बाद स्नानादि कार्यों से निवृत होकर स्वच्छ वस्त्र धारण कर लें। व्रत के पहले दिन एक पात्र में ज्वार या गेहूँ के दानों को बोकर पूजा के स्थान पर रख दें और अगले 5 दिनों तक ज्वार के पात्र में जल,अक्षत पुष्प, रोली, और रूई की माला चढ़ाएं। रूई से बनी इस माला के हार को नगला के नाम से जाना जाता है, जिसे कुमकुम से सजाया जाता है।

इस दिन भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा का विधान है। इसलिए घर के मंदिर में एक आसन पर लाल कपड़ा बिछाकर माता पार्वती और भगवान शिव की प्रतिमा को स्थापित करें। इसके बाद भगवान के समक्ष दीप जलाएं और व्रत का संकल्प लें। अब शिव-पार्वती जी को कुमकुम, अष्टगंध, शतपत्र,कस्तूरी और फूल, नारियल, नैवेद्य, ऋतु फल, धूप पंचामृत आदि अर्पित करें। साथ ही माँ पार्वती को सुहाग की सामग्री चढ़ाएं। अगर आपने बालू या रेत से बने हाथी का निर्माण किया है तो उस पर पांच प्रकार के फल, फूल और प्रसाद अवश्य चढ़ाएं।

इसके बाद व्रत कथा का पाठ करें और फिर माता पार्वती और भगवान शिव की आरती उतारें। आखिरी में माता पार्वती का ध्यान करते हुए सुख-सौभाग्य और गृह शांति की कामना करें और अपनी गलतियों के लिए क्षमा मांगे। व्रत के पांचवे दिन आप सुबह स्नान करके माता पार्वती, भगवान शिव और ज्वार पात्र की पूजा करें और रात्रि में भजन-कीर्तन करते हुए जागरण करें।

अगले दिन रेत के हाथी और ज्वार के पौधों को किसी पवित्र नदी या तालाब में विसर्जित करें। इसके बाद ब्राह्मणों को भोजन कराएं और उन्हें दान-दक्षिणा देने के पश्चात, हरी सब्जी तथा गेहूँ से बनी रोटियों से व्रत का पारण करें।

ऐसा कहा जाता है कि जया पार्वती व्रत का रहस्य विष्णु जी ने लक्ष्मी मां से कहा था। मान्यता है कि जया पार्वती व्रत रखने से विवाहित स्त्रियां सदा सुहागन रहती हैं, और अविवाहित कन्याएं मनचाहा वर पाती हैं। जया पार्वती का व्रत रखने वाली स्त्रियां बालू या रेत का हाथी बनाकर उस पर 5 प्रकार के पुष्प, फल और प्रसाद चढ़ाती हैं।

जया पार्वती के इस व्रत में नमक का प्रयोग पूरी तरह वर्जित माना गया है। इसके साथ ही इस दिन गेहूं का आटा और सभी प्रकार की सब्जियों का सेवन भी नहीं किया जाता है। इस पर्व पर उपवास रखने वाले भक्त फल, दूध, दही, फलों का रस या दूध से बनी मिठाइयां खा सकते हैं। व्रत के अंतिम दिन मंदिर में पूजा करने के बाद नमक और गेहूं के आटे की रोटी या पुड़ी खाकर व्रत का उद्यापन करना चाहिए।

तो यह थी जया पार्वती व्रत से जुड़ी जानकारी, हमारी कामना है कि आपका व्रत सफल हो। व्रत, त्यौहार व अन्य धार्मिक जानकारियों के लिए जुड़े रहिए श्री मंदिर पर।

श्री मंदिर द्वारा आयोजित आने वाली पूजाएँ

देखें आज का पंचांग

slide
कैसा रहेगा आपका आज का दिन?
कैसा रहेगा आपका आज का दिन?

Download Sri Mandir app now !!

Connect to your beloved God, anytime, anywhere!

Play StoreApp Store
srimandir devotees
digital Indiastartup Indiaazadi

© 2024 SriMandir, Inc. All rights reserved.