मार्गशीर्ष पूर्णिमा व्रत
हिंदू धर्म में मार्गशीर्ष मास को अति पवित्र और शुभ माना गया है। कहते हैं कि इस माह में पूजा और धर्म-कर्म का फल कई गुना अधिक बढ़ जाता है। वैसे तो सभी पूर्णिमाओं को हिंदू धर्म में महत्वपूर्ण तिथि होने का स्थान प्राप्त है, लेकिन मार्गशीर्ष की पूर्णिमा जो शुभता भक्तों के जीवन में लेकर आती है, वह अतुलनीय है।
मार्गशीर्ष पूर्णिमा व्रत कब है
- इस साल मार्गशीर्ष पूर्णिमा की तिथि 15 दिसंबर 2024, रविवार को होगी।
- पूर्णिमा के दिन चन्द्रोदय - शाम 04 बजकर 59 मिनट पर होगा।
- पूर्णिमा तिथि 14 दिसम्बर, 2024 को शाम 04 बजकर 58 मिनट पर प्रारम्भ होगी।
- पूर्णिमा तिथि 15 दिसम्बर, 2024 को दोपहर 02 बजकर 31 मिनट पर समाप्त होगी।
मार्गशीर्ष पूर्णिमा व्रत का महत्व
मार्गशीर्ष माह के महत्व का अंदाज़ा हम इस बात से लगा सकते हैं कि भगवान कृष्ण ने श्रीमद्भागवत गीता में स्वयं कहा है कि समस्त महीनों में मार्गशीर्ष मेरा ही स्वरूप है। इस माह की पूर्णिमा धर्म-कर्म की दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण है। पूर्णिमा पर दान-पुण्य करने का भी विशेष महत्व है, क्योंकि इस तिथि पर किए गए दान का पुण्यफल कई गुना अधिक होता है।
मार्गशीर्ष पूर्णिमा व्रत की पूजा कैसे करें
- सुबह जल्दी उठकर स्नान करें और स्वच्छ वस्त्र धारण करें।
- पूजा स्थल को साफ-सुथरा करके गंगाजल से छिड़कें।
पूजा सामग्री
- भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की मूर्ति या चित्र
- धूप, दीप, नैवेद्य (फल, मिठाई आदि)
- फूल, चंदन, रोली
- कलश
- पंचामृत
- विष्णु सहस्त्रनाम
- आरती
पूजा विधि
- कलश स्थापित करें और उसमें गंगाजल भरें।
- भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की मूर्ति को गंगाजल से स्नान कराएं।
- चंदन, रोली और फूल चढ़ाएं।
- धूप और दीप जलाएं।
- विष्णु सहस्त्रनाम का पाठ करें।
- आरती करें।
- भोग लगाएं।
मंत्र जाप
- ओम नमो नारायण मंत्र का जाप करें।
- श्री सूक्त का पाठ करें।
व्रत का संकल्प
- व्रत का संकल्प लें कि आप इस दिन भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की भक्ति करेंगे और सभी नियमों का पालन करेंगे।
मार्गशीर्ष पूर्णिमा व्रत के दिन करें ये दान
- गरीबों को भोजन कराना सबसे पुण्य का काम माना जाता है। आप चावल, दाल, अनाज आदि दान कर सकते हैं।
- जरूरतमंदों को कपड़े दान करना भी बहुत शुभ माना जाता है।
- गाय को घास, चारा या दाना दान करना बहुत फलदायी होता है।
- शाम के समय दीपक जलाकर दान करना भी शुभ माना जाता है।
- ज्ञान की प्राप्ति के लिए पुस्तकें दान करना बहुत अच्छा होता है।
- फल और मिठाई दान करने से भी पुण्य की प्राप्ति होती है।
मार्गशीर्ष पूर्णिमा व्रत के दिन दान करने के लाभ
- मार्गशीर्ष पूर्णिमा के दिन किया गया दान अत्यंत पुण्यदायी होता है। मान्यता है कि इस दिन किया गया दान सामान्य दिनों की तुलना में कई गुना अधिक फल देता है।
- दान करने से व्यक्ति के सभी पाप नष्ट हो जाते हैं। इससे व्यक्ति का मन शुद्ध होता है और उसे आंतरिक शांति मिलती है।
- मार्गशीर्ष पूर्णिमा के दिन दान करने से व्यक्ति की सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं। भगवान की कृपा से व्यक्ति को सुख-समृद्धि प्राप्त होती है।
- दान करने से व्यक्ति के जीवन में धन का आगमन होता है। व्यापार में वृद्धि होती है और आर्थिक स्थिति मजबूत होती है।
- दान करने से व्यक्ति के सभी रोग दूर हो जाते हैं। स्वास्थ्य अच्छा रहता है और व्यक्ति लंबा और निरोगी जीवन जीता है।
- दान करने से समाज सेवा का भाव जागृत होता है। व्यक्ति दूसरों की मदद करने के लिए प्रेरित होता है।
- दान करने से व्यक्ति का आत्मिक विकास होता है। वह दयालु और करुणाशील बनता है।
ऐसे ही व्रत, त्योहार व अन्य धार्मिक जानकारियों के लिए जुड़े रहिए श्री मंदिर के साथ।