रामनवमी विशेष मंत्र और आरती (Important Mantra On Ram Navami And Ram aarti)
जो मनुष्य पूरे विधि विधान से श्री राम जी की पूजा-अर्चना करता है। उसके सुख - सौभाग्य में वृद्धि होती है साथ ही वह समस्त मनोकामनाओं की पूर्ति भी होती है। पूजा के दौरान यदि आप इन मन्त्रों एवं आरती के साथ भगवान राम का ध्यान करेंगे तो निश्चित ही आपकी पूजा पूर्ण रूप से सफल होगी।
राम मूल मंत्र एवं उसका लाभ राम मूल मंत्र -ॐ श्री रामाय नमः॥ मंत्र का लाभ -इस मंत्र का जाप आरोग्य एवं आर्थिक संपन्नता प्रदान करता है। साथ ही व्यक्ति को गृह-क्लेश से भी मुक्त करता है।
राम गायत्री मंत्र एवं उसका लाभ **राम गायत्री मंत्र - **ॐ दाशरथये विद्महे सीतावल्लभाय धीमहि, तन्नो राम प्रचोदयात्॥ मंत्र का लाभ - यह अद्भुत मंत्र समस्त संकटों को हरने वाला एवं ऋद्धि-सिद्धि प्रदाता माना गया है।
राम तारक मंत्र एवं उसका लाभ राम तारक मंत्र - श्री राम जय राम जय जय राम॥ मंत्र का लाभ - यह मंत्र स्वयं में संपूर्ण माना जाता है। इसके जाप मात्र से मनुष्य प्रभु कृपा का अधिकारी बन जाता है। इसे कही भी, कभी भी, कोई भी जप सकता है।
आरती श्री रामचंद्र जी
श्री रामचन्द्र कृपालु भजमन हरण भवभय दारुणं नवकंज लोचन कंजमुख करकंज पदकंजारुणम्।।
कंदर्प अगणित अमित छवी नव नील नीरज सुन्दरम्। पट्पीत मानहु तडित रूचि शुचि नौमी जनक सुतावरम्।।
भजु दीनबंधु दिनेश दानव दैत्य वंश निकंदनम्। रघुनंद आनंद कंद कौशल चंद दशरथ नन्दनम्।।
सिर मुकुट कुण्डल तिलक चारु उदारू अंग विभूषणं। आजानु भुज शर चाप धर संग्राम जित खर-धूषणं।।
इति वदति तुलसीदास शंकर शेष मुनि मन रंजनम्। मम ह्रदय कुंज निवास कुरु कामादी खल दल गंजनम्।।
मनु जाहिं राचेउ मिलिहि सो बरु सहज सुंदर सावरों। करुना निधान सुजान सिलू सनेहू जानत रावरो।।
एही भांती गौरी असीस सुनी सिय सहित हिय हरषी अली। तुलसी भवानी पूजि पूनी पूनी मुदित मन मंदिर चली।।
जानि गौरी अनुकूल सिय हिय हरषु न जाइ कहि। मंजुल मंगल मूल बाम अंग फरकन लगे।।