Sarva Pitru Amavasya (सर्वपितृ अमावस्या)
आश्विन मास के कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि को सर्व पितृ अमावस्या के रूप में जाना जाता है। सर्व पितृ अमावस्या श्राद्ध पक्ष का अंतिम दिन, यानि पितरों की विदाई का दिन होता है। इसे पितृ विसर्जन अमावस्या के नाम से भी जाना जाता है। यह अमावस्या पितरों के लिए मोक्षदायनी अमावस्या मानी जाती है। मान्यता है कि इस दिन पितृ लोक से आए हुए पूर्वज पुनः अपने लोक लौट जाते हैं।
सर्वपितृ अमावस्या क्या है? | Sarva Pitru Amavasya Kya Hai
सर्वपितृ अमावस्या पर परिवार के उन मृतक सदस्यों के निमित्त श्राद्ध किया जाता है, जिनकी मृत्यु अमावस्या तिथि, पूर्णिमा तिथि तथा चतुर्दशी तिथि को हुई हो। इस अमावस्या को लेकर मान्यता है कि यदि कोई पूरे पितृपक्ष के दौरान श्राद्ध करने में सक्षम न हो, तो वो मात्र इस अमावस्या तिथि पर श्राद्ध करके अपने सभी पितरों को प्रसन्न कर सकता है। मान्यता है कि सोलह दिनों के लिए पृथ्वी पर आए हुए पूर्वज सर्वपितृ अमावस्या पर वापस पितृलोक चले जाते हैं।
जिन पूर्वजों की पुण्यतिथि आपको याद नहीं है, उनका श्राद्ध भी अमावस्या तिथि पर किया जा सकता है। इसीलिये आश्विन मास की अमावस्या को ‘सर्वपितृ मोक्ष अमावस्या’ के नाम से भी जाना जाता है।
सर्वपितृ अमावस्या कब है? | Sarva Pitru Amavasya Starting Date and Ending Date
- सर्वपितृ अमावस्या 02 अक्टूबर 2024, बुधवार को मनाई जायेगी।
- अमावस्या तिथि 01 अक्टूबर को रात 09 बजकर 39 मिनट पर प्रारंभ होगी।
- अमावस्या तिथि का समापन 02 अक्टूबर की मध्यरात्रि 12 बजकर 18 मिनट पर होगा।
श्राद्ध के लिये उपयुक्त मुहूर्त-
- कुतुप मुहूर्त दिन में 11 बजकर 48 मिनट से 12 बजकर 35 मिनट तक रहेगा।
- रौहिण मुहूर्त दोपहर 12 बजकर 35 मिनट से 01 बजकर 23 मिनट तक रहेगा।
- अपराह्न काल मुहूर्त दोपहर 01 बजकर 23 मिनट से 03 बजकर 45 मिनट तक रहेगा।
सर्व पितृ अमावस्या मंत्र | Sarva Pitru Amavasya Mantra
सर्व पितृ अमावस्या पर पितरों को प्रसन्न करने के लिए कुछ विशेष मंत्रों का जाप करने का भी विधान है। मान्यता है कि इस दिन किए गए मंत्र जप, श्राद्धकर्म, ब्राह्मण भोजन व दान आदि से तृप्त होकर पितृजन अपने लोक वापस जाते समय अपने पुत्र, पौत्रों और परिवार को सुखमय जीवन का आशीर्वाद देते हैं।
ॐ पितृगणाय विद्महे जगत धारिणी धीमहि तन्नो पितृो प्रचोदयात्।
ॐ देवताभ्य: पितृभ्यश्च महायोगिभ्य एव च।
नम: स्वाहायै स्वधायै नित्यमेव नमो नम:।
ॐ आद्य-भूताय विद्महे सर्व-सेव्याय धीमहि।
शिव-शक्ति-स्वरूपेण पितृ-देव प्रचोदयात्।
गोत्रे अस्मतपिता (पितरों का नाम) शर्मा वसुरूपत् तृप्यतमिदं तिलोदकम
गंगा जलं वा तस्मै स्वधा नमः, तस्मै स्वधा नमः, तस्मै स्वधा नमः।
सर्व पितृ अमावस्या विधि | Sarva Pitru Amavasya Vidhi
सर्व पितृ अमावस्या पर कुछ ऐसे अनुष्ठान किए जाते हैं जिनसे न सिर्फ जातक को पितरों का आशीर्वाद मिलता है, बल्कि मृत परिजनों की आत्मा को मोक्ष की प्राप्ति होती है। जैसे:-
ऐसे करें पितरों का श्राद्ध
सर्व पितृ अमावस्या के दिन प्रातः स्नान करके स्वच्छ वस्त्र पहनकर पितरों का तर्पण करें, और जौ के आटे, तिल व चावल से बने पिंड अर्पित करें।
इन जीवों को दें भोजन
सर्व पितृ अमावस्या पर बने भोजन को सबसे पहले कौवे, गाय, देवता, चींटी व कुत्ते के लिए निकालें। मान्यता है पितृ इन्हीं जीवों का रूप धारण कर अपने वंशजों के घर भोजन ग्रहण करने आते हैं।
ब्राह्मणों को दें दान-दक्षिणा
पंचबलि देने के बाद ब्राह्राणों को भोजन कराएं और दान-दक्षिणा देकर उन्हें संतुष्ट करें। इस दिन हवन करने व ब्राह्मणों द्वारा गरुड़ पुराण का पाठ करवाने का विधान है।
आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना करें
ब्राह्मण भोज के पश्चात् घर के सभी सदस्य एक साथ बैठकर भोजन करें, और पितरों की आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना करें।
पीपल के नीचे दीपक प्रज्ज्वलित करें
पितृ पक्ष की अमावस्या के दिन प्रातः पीपल के वृक्ष के नीचे पितरों के निमित्त मिष्ठान व शुद्ध जल की मटकी रखें, और वहां दीपक जलायें।
जलाएं चौमुखी दीपक
पितृ मोक्ष अमावस्या पर अपने पितरों के निमित्त चौमुखी दीपक प्रज्ज्वलित करें। यह दीपक सूर्यास्त के बाद जलाएं और ध्यान रखें कि इस समय आपका मुख दक्षिण दिशा की ओर हो।
सर्वपितृ अमावस्या पर श्राद्ध के लाभ | Sarva Pitru Amavasya Karne Ke Fayde
- सर्वपितृ अमावस्या पर ब्राह्मणों को आदरपूर्वक भोजन करवाने और दान-दक्षिणा देने से पितरों की आत्मा को तृप्ति मिलती है।
- मान्यता है कि इस दिन यदि आदर-भाव से पितरों के निमित्त श्राद्ध किया जाए तो न केवल पितरों की आत्मा को शांति मिलती है, बल्कि घर-परिवार में भी सुख-शांति बनी रहती है।
- कहते हैं कि परिजनों द्वारा पालन किए जा रहे श्राद्ध नियमों को देखकर पितृ अपने वंशजों से बहुत प्रसन्न होते हैं, और धन-समृद्धि का आशीर्वाद देते हैं।
- सर्वपितृ अमावस्या पर श्राद्धकर्म करने वाले व्यक्ति को पितृ दोष से भी छुटकारा मिलता है। इससे जातक के जीवन के प्रमुख क्षेत्रों, जैसे नौकरी-व्यापार, वैवाहिक सुख, संतान सुख, आरोग्य की प्राप्ति होती है।
Sarva Pitru Amavasya 2024: FAQs
Q1. सर्व पितृ अमावस्या पर क्या किया जाता है? सर्व पितृ अमावस्या पर पितरों की आत्मा की शांति के लिए तर्पण, पिंडदान और श्राद्ध कर्म किए जाते हैं। इस दिन विशेष रूप से उन पितरों को याद किया जाता है जिनकी तिथि ज्ञात नहीं होती।
Q2. सर्व पितृ अमावस्या 2024 की तिथि क्या है? आश्विन मास के कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि को सर्व पितृ अमावस्या के रूप में जाना जाता है। साल 2024 में ये अमावस्या 2 अक्टूबर, बुधवार को है।
Q3. क्या सर्व पितृ अमावस्या शुभ है? हां, सर्व पितृ अमावस्या पितृ दोष की शांति के लिए उत्तम समय होता है। इस दिन श्रद्धा और भक्ति के साथ किए गए तर्पण और पिंडदान से पितरों की आत्मा को शांति मिलती है, और उनके आशीर्वाद से परिवार में खुशहाली और समृद्धि आती है।