श्रावण शिवरात्रि 2024 (Shravan Shivratri 2024)
साल के हर मास में आने वाली शिवरात्रियों में महा शिवरात्रि और श्रावण शिवरात्रि विशेष महत्वपूर्ण मानी जाती है। श्रावण शिवरात्रि उत्तर भारतीय राज्यों में प्रमुख रूप से मनाई जाती है। इस दिन भगवान भोलेनाथ की उपासना करने का विधान है। मान्यता है कि श्रावण शिवरात्रि का व्रत रखने वाले भक्तों पर भगवान शिव अपनी कृपा दृष्टि सदैव बनाए रखते हैं।
श्रावण शिवरात्रि 2024 कब है? (Shravan Shivratri 2024 Date and Time)
- श्रावण शिवरात्रि 2024 - 2 अगस्त, शुक्रवार को मनाई जाएगी।
- चतुर्दशी तिथि प्रारम्भ 2 अगस्त को शाम 03 बजकर 26 मिनट पर होगा।
- चतुर्दशी तिथि का समापन 03 अगस्त को शाम 03 बजकर 50 मिनट पर होगा।
- श्रावण शिवरात्रि का पारण समय 3 अगस्त को सुबह 05 बजकर 26 मिनट से शाम 03 बजकर 23 मिनट तक रहेगा।
श्रावण शिवरात्रि का शुभ मुहूर्त 2024 (Shravan Shivratri 2024 Shubh Muhurt)
2 अगस्त यानि श्रावण शिवरात्रि के दिन के शुभ मुहूर्त कुछ इस प्रकार हैं:
- निशिता काल पूजा समय रात्रि 11 बजकर 43 मिनट से 12 बजकर 26 मिनट तक रहेगा।
- रात्रि प्रथम प्रहर पूजा समय शाम 06 बजकर 43 मिनट से रात्रि 09 बजकर 23 मिनट तक रहेगा।
- रात्रि द्वितीय प्रहर पूजा समय रात्रि 09 बजकर 23 मिनट से 12 बजकर 04 मिनट तक रहेगा।
- रात्रि तृतीय प्रहर पूजा समय रात्रि 12 बजकर 04 मिनट से 02 बजकर 45 मिनट तक रहेगा।
- रात्रि चतुर्थ प्रहर पूजा समय रात्रि 02 बजकर 45 मिनट से 05 बजकर 26 मिनट तक रहेगा।
श्रावण शिवरात्रि के सुअवसर पर क्या करें, क्या न करें-
श्रावण शिवरात्रि पर क्या करें (What to do on Shravan Shivratri)
- श्रावण शिवरात्रि पर जल व दूध से भगवान भोलेनाथ का अभिषेक करें।
- इस दिन संभव हो अन्न न खाएं, केवल फलाहार करें।
- सबके प्रति सम्मान की भावना रखें और मन से सकारात्मक रहें।
- श्रावण शिवरात्रि के पूरे दिन शिव पुराण व शिव मंत्रों का जप करें, और शंकर-पार्वती का सुमिरन करें।
- इस दिन घर में शिव-पार्वती के कीर्तन का आयोजन करें, और सभी को प्रसाद वितरित करें।
श्रावण शिवरात्रि पर क्या न करें (What not to do on Shravan Shivratri)
- श्रावण शिवरात्रि पर भूलकर भी तामसिक भोजन न करें, वरना भगवान शिव आपसे रूष्ट हो सकते हैं।
- श्रावण शिवरात्रि पर दिन के समय सोएं नहीं, और इस दिन किसी का अनादर न करें।
- इस व्रत में तुलसी का प्रयोग न करें। तुलसीदल का प्रयोग भगवान विष्णु पूजा के दौरान किया जाता है।
- श्रावण शिवरात्रि के दिन दूध का सेवन न करें, क्योंकि दूध से ही भगवान भोलेनाथ का अभिषेक किया जाता है, और श्रावण मास में दूध का सेवन सेहत के लिए भी सही नहीं माना जाता है।
- इस दिन झूठ, हिंसा, क्रोध व चोरी जैसे पाप कर्म करने से बचें।
श्रावण शिवरात्रि के उपाय (Shravan Shivratri Upay)
गंगाजल व काला तिल से करें अभिषेक
श्रावण शिवरात्रि के पर्व पर शिव मंदिर में जाकर जल में गंगाजल व काला तिल डालकर शिवलिंग का अभिषेक करें और ऊं नम: शिवाय मंत्र का जप करें। इस उपाय से नौकरी व व्यापार में तरक्की होगी, और आर्थिक परेशानी समाप्त हो जायेगी।
शिवलिंग के पास घी का दीपक जलाएं
शाम के समय जब सब लोग मंदिर से चले जाएं, तो शिवलिंग के पास घी का दीपक जलाएं और भगवान से अपनी मनोकामना पूरी करने के लिए प्रार्थना करें, और जब तक दीपक पूरी तरह से न जल जाए, आप इसके पास बैठे रहें।
गेहूं और जौ से करें ये उपाय
श्रावण शिवरात्रि पर गेहूं व जौ का दान करना बहुत ही शुभ होता है, मान्यता है कि इस उपाय से आपके घर में सुख-शांति आती है। इसके अलावा शिवरात्रि पर शिवजी को आटे के लड्डू का भोग लगाने से घर सदस्यों के बीच प्रेम बढ़ता है।
चंदन से त्रिपुंड बनाएं
इस दिन ॐ नमः शिवाय का जप करते हुए पूरे शिवलिंग पर सफेद चंदन का लेप करें, और उसी चंदन से अपने माथे पर त्रिपुंड बनाएं। इससे मानसिक शांति के साथ असाध्य रोगों से भी छुटकारा मिलेगा।
श्रावण शिवरात्रि का महत्व ( Importance of Shravan Shivratri)
श्रावण के पूरे मास भगवान शिव को समर्पित कई पर्व मनाए जाते हैं, इनमें श्रावण शिवरात्रि का विशेष महत्व माना जाता है। इस दिन सभी शिव मंदिरों व काशी विश्वनाथ, बद्रीनाथ धाम जैसे तीर्थस्थानों पर पूजा-पाठ का आयोजन होता है। हजारों भक्त गंगाजल से शिवलिंग का अभिषेक कर भगवान भोलेनाथ की कृपा पाते हैं।
शिवरात्रि के एक दिन पहले, यानि त्रयोदशी तिथि पर एक समय ही भोजन करने का विधान है। शिवरात्रि के दिन भक्त सुबह स्नान करके व्रत का संकल्प लेते हैं। कुंवारी कन्याएं ये व्रत रखकर भगवान शिव से योग्य वर की कामना करती हैं, और विवाहित स्त्रियां इस दिन भोलेनाथ से अखंड सुहाग का वरदान मांगती हैं। मान्यता है कि इस दिन व्रत रखने व भगवान शिव की सच्चे मन से पूजा करने से सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं।
श्रावण शिवरात्रि की सम्पूर्ण पूजा विधि (Shravan Shivratri Pooja Vidhi)
- श्रावण शिवरात्रि के दिन सूर्योदय से पहले उठना चाहिए और नित्यकर्म से निवृत्त होकर, ब्रह्म मुहूर्त में स्नान करना चाहिए।
- सुबह सभी दैनिक क्रियाकलापों से मुक्त होने के बाद शिव जी का नाम लेकर उन्हें जल अर्पित करना चाहिए। साथ ही पीपल और तुलसी के पेड़ में भी जल अर्पित करना चाहिए।
- उपासक को भगवान का नाम लेकर व्रत करने का संकल्प लेना चाहिए, और पूरी श्रद्धा के साथ दिन भर व्रत का पालन करना चाहिए।
- रात्रि के समय शुभ मुहूर्त पर भगवान भोले नाथ की पूजा अर्चना शुरू करनी चाहिए।
- इस समय शिव जी की मूर्ति या शिवलिंग को दूध, पानी व गंगाजल से स्नान कराएं।
- शिवजी के महामंत्र 'ऊं नम: शिवाय' मंत्र का जाप करते हुए दूध, दही, घी, बेलपत्र, धतूरा आदि से उनका अभिषेक करें। इसके बाद चंदन से भगवान शिव का तिलक करें।
- अब धूप दीप जलाकर मिठाई और फल का भगवान भोलेनाथ को भोग लगाएं, और अंत में उनकी आरती करें।
- श्रावण शिवरात्रि का व्रत रखने वाले उपासक व्रत का पारण अगले दिन करें।
भगवान शिव होंगे प्रसन्न, इन पदार्थों का करें अर्पण (Offerings to Lord Shiva on Shravan Shivratri)
- श्रावण शिवरात्रि पर शिव जी को तीन पत्तों वाला बेलपत्र चढ़ाएं। यह बहुत प्रिय है। शिव पुराण में इसे भगवान शिव को अत्यंत प्रिय बताया गया है।
- इस दिन भांग को दूध में मिलाकर शिवलिंग पर चढ़ाएं। इससे जीवन की परेशानियां कम होती हैं और भगवान शिव की कृपा प्राप्त होती है।
- धतुरा और गन्ने का रस भी शिव जी को अर्पित करना विशेष फलदायक माना जाता है।
- श्रावण शिवरात्रि पर जल में गंगाजल मिलाकर शिवलिंग पर चढ़ाने से मानसिक शांति मिलती है।