स्कन्द षष्ठी का शुभ मुहूर्त एवं पूजा विधि

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स्कन्द षष्ठी व्रत (Skanda Sashti Vrat)

स्कंद षष्ठी के दिन मां पार्वती और शिव जी के पुत्र कार्तिकेय जी की आराधना की जाती है। कुमार कार्तिकेय का नाम स्कंद भी है। इसलिए इसे स्कंद षष्ठी के नाम से भी जाना जाता है। मान्यता है कि परिवार में सुख-शांति और संतान प्राप्ति के लिए स्कंद षष्ठी का व्रत बेहद खास महत्व रखता है।

इस व्रत को दक्षिण भारत में प्रमुख त्यौहारों में से एक माना जाता है। यहां भगवान कार्तिकेय को कुमार, मुरुगन, सुब्रह्मण्यम जैसे कई नामों से जाना जाता है। उत्तर भारत में कार्तिकेय को गणेश का बड़ा भाई माना जाता है लेकिन दक्षिण भारत में कार्तिकेय गणेश जी के छोटे भाई माने जाते हैं। इसलिए हर महीने की षष्ठी को स्कंद षष्ठी मनाई जाती है। षष्ठी तिथि कार्तिकेय जी की तिथि होने के कारण इसे कौमारिकी भी कहा जाता है।

स्कन्द षष्ठी व्रत का शुभ मुहूर्त (Skanda Sashti 2024 Dates)

हिंदू पंचांग के अनुसार, साल 2024 में वैशाख माह के शुक्ल पक्ष में स्कंद षष्ठी का व्रत 13 मई 2024 को रखा जाएगा। षष्ठी तिथि की शुरूआत 13 मई 2024 को सुबह 02 बजकर 03 मिनट से होगी और इसका समापन 14 मई 2024 को सुबह 02 बजकर 50 मिनट पर होगा।

स्कन्द षष्ठी व्रत का महत्व (Importance Of Skanda Sashti)

स्कन्द षष्ठी व्रत को दक्षिण भारत में प्रमुख पर्वों में से एक माना जाता है। यहां पर भगवान कार्तिकेय को कुमार, मुरुगन, सुब्रह्मण्यम जैसे कई नामों से जाना जाता है। उत्तर भारत में कार्तिकेय को गणेश जी का बड़ा भाई माना जाता है लेकिन दक्षिण भारत में कार्तिकेय जी, गणेश जी के छोटे भाई माने जाते हैं। इसलिए हर महीने की षष्ठी को स्कंद षष्ठी मनाई जाती है। षष्ठी तिथि कार्तिकेय जी की होने के कारण इसे कौमारिकी भी कहा जाता है। लेकिन 2023 के सितम्बर महीने में अर्थात् भाद्रपद मास का स्कंद षष्ठी व्रत कब है? स्कंद षष्ठी व्रत का शुभ मुहूर्त और महत्व क्या है? इन सब के बारे में जानते हैं।

इस दिन संसार में हो रहे कुकर्मों को समाप्त करने के लिए कार्तिकेय का जन्म हुआ था। बताया जाता है कि स्कंद षष्ठी की उपासना से च्यवन ऋषि को आंखों की ज्योति प्राप्त हुई थी। इस दिन स्कंद षष्ठी की कृपा से प्रियव्रत के मृत शिशु के प्राण लौट आए थे। ज्योतिष शास्त्रों के अनुसार इस दिन अगर विधि-विधान से भगवान कार्तिकेय का व्रत रखकर उनकी आराधना की जाए तो व्यक्ति को तमाम प्रकार के कष्टों से मुक्ति मिलती है। इसके अलावा संतान को भी सभी प्रकार की समस्याओं से छुटकारा मिलता है और धन-वैभव की भी प्राप्ति होती है।

आइए, जानते हैं स्कंद षष्ठी के दिन किन विशेष बातों का खास ख्याल रखना चाहिए और किन चीजों को भूलकर भी नहीं करना चाहिए।

  • स्कंद षष्ठी के दिन दान आदि कार्य करना शुभ माना जाता है।
  • इसके अलावा इस दिन स्कंद देव की स्थापना करके अखंड दीपक जलाना चाहिए।
  • स्कंद षष्ठी के दिन पूजन में तामसिक भोजन मांस, शराब, प्याज, लहसुन नहीं शामिल करना चाहिए।
  • साथ ही इस दिन व्रत का पालन करने वाले लोग ब्रह्मचर्य का पालन करें।
  • वहीं अगर कोई व्यक्ति व्यावसायिक कष्टों से जूझ रहा है तो वो इस दिन कुमार कार्तिकेय को दही में सिंदूर मिलाकर अर्पित करें।

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