विश्वकर्मा पूजा की कथा

विश्वकर्मा पूजा की कथा

17 सितम्बर, 2023 जानें उनके जीवन से जुड़ी कहानी


प्राचीन काल की बात है काशी नगरी नाम की एक जगह पर एक रथकार अपनी पत्नी संग रहता था। जो कि अपने कार्य में निपुण और इमानदार था, लेकिन फिर भी वह अपने और अपने परिवार के लिए भोजन से अधिक धन नहीं कमा पाता था। जिसके कारण उसे बहुत सारी परेशानियों का सामना करना पड़ता था। साथ ही उसकी पत्नी के कोई पुत्र ना होने की वजह से भी वे दोनों बहुत दुखी रहते थे। वे दोनों अक्सर संतान प्राप्ति के लिए साधु महात्माओं के पास जाते रहते थे। लेकिन उन दोनों की इच्छा कभी पूरी नहीं हो पाती थी। एक दिन की बात है उनके एक पड़ोसी ब्राह्मण ने रथकार से कहा कि तुम दोनों भगवान विश्वकर्मा की पूजा करो। जिससे आपकी हर इच्छा अवश्य पूर्ण होगी। ब्राह्मण की बात सुनकर रथकार ने आने वाली अमावस्या तिथि को व्रत करके भगवान विश्वकर्मा की पूजा की और उनकी कथा भी सुनीं। वहीं उनकी भक्ति को देखकर भगवान विश्वकर्मा बेहद प्रसन्न हुए और उन्होंने उन्हें पुत्र होने का वरदान दिया। उसके बाद भगवान विश्वकर्मा के आशीर्वाद से रथकार की पत्नी को एक बेहद खूबसूरत पुत्र की प्राप्ति हुई। उसके बाद दोनों पति-पत्नी भगवान विश्वकर्मा का आशीर्वाद प्राप्त करके खुशी से जीवन व्यतीत करने लगे।

श्री मंदिर द्वारा आयोजित आने वाली पूजाएँ

देखें आज का पंचांग

slide
कैसा रहेगा आपका आज का दिन?
कैसा रहेगा आपका आज का दिन?

Download Sri Mandir app now !!

Connect to your beloved God, anytime, anywhere!

Play StoreApp Store
srimandir devotees
digital Indiastartup Indiaazadi

© 2024 SriMandir, Inc. All rights reserved.