अपरा एकादशी व्रत 2024 (Apara Ekadashi Vrat 2024)
भगवान विष्णु को समर्पित अपरा एकादशी बहुत ही फलदाई मानी गई है। अपरा अर्थात अपार या असीम, इस एकादशी को पुण्यदायी माना गया है। पौराणिक कथाओं के अनुसार, श्रीकृष्ण ने अर्जुन जी को इस व्रत के माहात्म्य के बारे में बताते हुए कहा था कि, हे राजन! यह एकादशी 'अचला' तथा 'अपरा' दो नामों से जानी जाती है। पुराणों के अनुसार ज्येष्ठ कृष्ण पक्ष की एकादशी अपरा एकादशी है, क्योंकि यह अपार धन और पुण्य देने वाली है। इस व्रत को करने से मनुष्य की कीर्ति, पुण्य तथा धन में वृद्धि होती है।
इस व्रत के प्रभाव से ब्रह्महत्या, दूसरे की निंदा, स्त्रीगमन, झूठी गवाही, असत्य भाषण, झूठा वेद पढ़ना, झूठा शास्त्र बनाना आदि जैसे बड़े पाप भी नष्ट हो जाते हैं। साल 2024 में यह व्रत 2 जून को रखा जाएगा। आइए जानते हैं अपरा एकादशी पर किन बातों का ध्यान रखना चाहिए-
अपरा एकादशी पर रखें इन बातों का ध्यान (Things To keep In Mind On Apara Ekadashi)
मान्यता है कि अपरा एकादशी व्रत के दिन भगवान विष्णु की पूजा करने से भी अक्षय पुण्य की प्राप्ति होती है। शास्त्रों में भी अपरा एकादशी के संदर्भ में कुछ विशेष उपाय बताए गए हैं और कुछ नियम बताए गए हैं। आइए जानते हैं अपरा एकादशी व्रत में किन बातों का ध्यान रखना चाहिए-
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एकादशी तिथि पर भगवत गीता का पाठ करना चाहिए। गीता का पाठ करना या सुनना चाहिए। ऐसा माना जाता है कि इससे मोक्ष को पाने का रास्ता आसान हो जाता है।
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एकादशी पर गाय और अन्न का दान करना चाहिए।
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अगर कोई व्यक्ति बीमार है तो उसे एकादशी का व्रत नहीं करना चाहिए क्योंकि यह व्रत बहुत कठिन होता है और बीमार व्यक्ति को अपने स्वास्थ्य के प्रति लापरवाही नहीं बरतनी चाहिए।
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अगर इस तिथि के आसपास घर में किसी की मृत्यु हो जाए। तो पत्नी को भी यह व्रत नहीं करना चाहिए।
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एकादशी व्रत के दिन अनाज नहीं खाना चाहिए।
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सुबह जल्दी उठना चाहिए और अपना काम ईमानदारी से करना चाहिए।
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एकदशी व्रत के दिन भगवान विष्णु के इस मंत्र का जाप करना चाहिए। मंत्र- ‘ॐ नमो भगवते वासुदेवाय’।
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भगवान विष्णु के मंदिर में जाकर भगवान के दर्शन कर तुलसी, पंचामृत और प्रसाद ग्रहण करना चाहिए।
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जो लोग अपरा एकादशी का व्रत करना चाहते हैं उन्हें भगवान विष्णु और देवी लक्ष्मी का अभिषेक करना चाहिए। भगवान विष्णु को तुलसी के साथ मिठाई का भोग लगाना चाहिए।
अपरा एकादशी पर क्या करें औ क्या नहीं (What To Do And Not To Do On Apara Ekadashi)
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अपरा एकादशी के दिन किसी ब्राह्मण या जरूरतमंद को भोजन अवश्य कराना चाहिए, ऐसा करना फलदायी माना जाता है। मान्यता के अनुसार, यह व्रत रखने वाले भक्तों को दशमी, एकादशी और द्वादशी के दिन क्रमशः 10, 11 व 12 चीज़ों का त्याग करना होता है।
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दशमी के दिन कांसे के बर्तन में भोजन, उड़द, मसूर, चना, कोदो, चने का शाक, मधु, दूसरे का दिया अन्न, दो बार भोजन एवं पारस्परिक संबंध का त्याग करना होता है।
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इसके अलावा एकादशी के दिन जुआ खेलना, नींद लेना, पान खाना, दातुन करना, दूसरों की निंदा, चुगली, चोरी, हिंसा, पारस्परिक संबंध, क्रोध व असत्य भाषण समेत 11 त्याग करने होते हैं।
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अंततः द्वादशी के दिन किए जाने वाले 12 त्यागों में कांसे के बर्तन में भोजन, उरद, शराब, मधु, तेल, पतितों से वार्तालाप, व्यायाम, परदेश गमन, दो बार भोजन, पारस्परिक संबंध, बैल की सवारी तथा मसूर शामिल हैं।