गणतंत्र दिवस 2024 ( Republic Day 2024)
“सारे जहां से अच्छा हिंदुस्तान हमारा हम बुलबुले है उसकी वो गुलसिताँ हमारा!”
26 जनवरी 1950 को भारत का संविधान लागू किया गया था और तब से हर साल इस दिन को गणतंत्र दिवस के तौर पर मनाया जाता है। इस दिन भारत के वीर सेनानीयों को याद करने के साथ ही भारत के आज़ादी के बाद के सफर पर भी नज़र डाली जाती है। आइए भारत के राष्ट्रीय पर्वों में शुमार इस पर्व से आपको अवगत कराते हैं।
26 जनवरी और 15 अगस्त क्यों मनाया जाता है? (Why 26 January And 15 August Celebrated )
भारत 15 अगस्त 1947 को अंग्रेजो की गुलामी से आज़ाद हुआ था, जिसे आज स्वतंत्रता दिवस के रूप में मनाया जाता है। वहीं, 26 जनवरी 1950 को देश का संविधान लागू हुआ था, जिसे गणतंत्र दिवस के रुप में मनाते हैं।
आपको बता दें, कि संविधान समिति की अध्यक्षता करते हुए डॉ भीम राव अंबेडकर ने 25 नवंबर 1949 को भारतीय संविधान सभा में देश का संविधान स्वीकार किया था। इसके बाद 26 जनवरी 1950 को इसे लोकतांत्रिक देश के संविधान के रूप में लागू कर दिया गया।
गणतंत्र दिवस का महत्व ( Importance Of Republic Day )
गणतंत्र दिवस के दिन भारत के नागरिकों को उनके अधिकारों से अवगत कराया गया था और इसी दिन उन्हें उनके मौलिक अधिकार और मौलिक कर्तव्य भी मिले थे। इस दिन भारत को पूर्ण गणतंत्र घोषित किया गया और हर साल इस मौके पर इंडिया गेट से लेकर राष्ट्रपति भवन तक राजपथ पर भव्य परेड होती है। इसमें भारतीय सेना, वायुसेना, नौसेना आदि के अलग-अलग रेजिमेंट हिस्सा लेते हैं।
गणतंत्र दिवस का इतिहास (History Of Republic Day)
26 जनवरी का दिन संविधान लागू करने के अलावा एक और महत्व के लिए भी जाना जाता है। ऐसा कहा जाता है, कि 31 दिसंबर 1929 की मध्य रात्रि को भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की अध्यक्षता करते हुए पंडित जवाहरलाल नेहरू ने लाहौर में भारत को स्वतंत्र करने की पहल की थी। इसके बाद, यह प्रस्ताव ब्रिटिश सरकार के सामने भी रखा लेकिन इस पर उनका कोई जवाब नहीं आया।
26 जनवरी 1930 को भारत के पूर्ण स्वतंत्रता की घोषणा कर दी गई और ब्रिटिश सरकार के खिलाफ एक सक्रिय आंदोलन शुरू हो गया। ऐसे में, लाहौर में इस आंदोलन के अधिवेशन में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस ने पहली बार तिरंगे झंडे को फहराया और सबकी सहमति से 26 जनवरी को पूर्ण स्वराज दिवस के रूप में घोषित कर दिया।
15 अगस्त 1947 को देश को आज़ाद हुआ और पंडित जवाहरलाल नेहरू को देश की कमान सौंप दी गई। मगर भारत में अंग्रेजों की हुकूमत तब भी पूरी तरह समाप्त नहीं हुई थी और जार्ज की फोटो वाली मुद्रा ही मिलती थी। उस वक्त देश को संविधान की जरूरत महसूस हुई, जिसके बाद संविधान सभा का गठन किया जुआ और इसका अध्यक्ष डॉ. भीम राव अम्बेडकर को बनाया गया।
डॉ. भीम राव अंबेडकर की अध्यक्षता वाली सभा में 211 सदस्यों ने मिलकर 25 नवंबर 1949 को 2 साल 11 दिन में तैयार हुए भारत के संविधान को मंजूरी दे दी। इसके बाद 26 जनवरी 1950 को इसे लागू किया गया और यह दिन गणतंत्र दिवस के रूप में घोषित कर दिया था। इस अवसर पर डॉ. राजेंद्र प्रसाद को आजाद भारत के पहले राष्ट्रपति के रूप में शपथ दिलाई गई और साथ ही, 21 तोपों की सलामी देकर इविन स्टेडियम में भारतीय राष्ट्रीय ध्वज फहराया गया।
26 जनवरी को कितने बजे झंडा फहराया जाता है? (What time is the flag hoisted on 26 January?)
आज भी 26 जनवरी के दिन लाल किले पर भारत के राष्ट्रपति द्वारा राष्ट्रीय ध्वज फहराया जाता है। इसके बाद भारत की तीनों सेना अपनी शक्ति का प्रदर्शन उनके और प्रधानमंत्री के सामने करती हुईं राष्ट्रीय ध्वज को सलाम करती हैं। राष्ट्रीय राजधानी में राजपथ पर झंडा फहराने का समारोह 26 जनवरी को सुबह 8:00 बजे के आसपास किया जाया है।
इसके अलावा भारतीय सेना के जवान, स्कूल के बच्चे और एनसीसी कैडेट एक साथ कदम ताल करते हुए राजपथ पर परेड करते हैं। इसके साथ ही, अपनी संस्कृति और कला को प्रदर्शित करती हुई हर राज्य की झांकी भी निकाली जाती है, जिसका सीधा प्रसारण दूरदर्शन पर होता है।