बगलामुखी यंत्र के लाभ, उपयोग, और पूजा विधि पर विस्तृत जानकारी।
बगलामुखी यंत्र एक शक्तिशाली तंत्र है, जो देवी बगलामुखी को समर्पित होता है। इसे शत्रुओं से रक्षा, बाधाओं को दूर करने और मनुष्य की समृद्धि बढ़ाने के लिए पूजा जाता है। बगलामुखी यंत्र को घर या कार्यस्थल पर स्थापित करने से नकारात्मक ऊर्जा दूर होती है और सकारात्मक प्रभाव बढ़ता है। इस यंत्र की पूजा से व्यक्ति के जीवन में शांति, सफलता और सुख-संपत्ति का संचार होता है।
जीवन को संकटों से बचाने वाली और हर तरह की बाधा और कष्ट से मुक्ति दिलाने वाली देवी बगलामुखी की शत्रुओं, वाद-विवाद आदि पर विजय पाने के लिए उनकी पूजा की जाती है। इन्हें ही बगलामुखी यंत्र का प्रतीक माना गया है। प्राचीन ग्रंथों के अनुसार, 10 महाविद्याओं में देवी बगलामुखी का महत्व सभी देवियों से बढ़कर है। इस यंत्र का महत्व बहुत अधिक है। इस यंत्र के पूजन से साधक को मोक्ष तक की प्राप्ति होती है। साथ ही यह चमत्कारिक यंत्र सभी तरह की उन्नति के लिए बहुत अच्छा माना गया है।
इस यंत्र को पीतांबरी विद्या के नाम से भी जाना जाता है। मान्यता के अनुसार, इस यंत्र में देवी का निवास होता है। इस यंत्र से जीवन की सभी तरह की समस्याओं से मुक्ति मिलती है और मनोकामना पूरी होती है। इसके अलावा पहले राजा-महाराजा अपने शत्रुओं पर विजय प्राप्त करने के लिए और उनकी शक्ति को नियंत्रित करने के लिए इस यंत्र की साधना करते थे। इस यंत्र को प्रतिष्ठित करने से मूत्यु, दुर्घटना और अहिंसा आदि से बचाव होता है। वहीं, इस यंत्र की स्थापना और विधि-विधान से पूजा करने पर लंबी बीमारी और बुरी शक्तियों का भी नाश होता है।
पीतांबरा, बगला, वल्गामुखी, बगलामुखी, ब्रह्मास्त्र विद्या आदि नामों से भी बगलामुखी देवी को जाना जाता है। हिंदू धर्मग्रंथों और पौराणिक कथाओं के अनुसार, सतयुग में पृथ्वी पर बाढ़ और तूफान से समस्त प्राणी संकट में थे। यह देखकर भगवान विष्णु काफी चिंतित हो उठे और समाधान के लिए भगवान शिव के पास पहुंचे। भोलेनाथ ने उन्हें बताया कि इस विनाश को समाप्त करने की शक्ति केवल आदिशक्ति में है। इसके बाद, भगवान विष्णु ने देवी जगदंबा की कठोर तपस्या की, जिससे मां बगलामुखी हरिद्रा झील में प्रकट हुईं।
देवी बगलामुखी ने समस्त प्राणियों की रक्षा की और पृथ्वी को विनाश से बचाया। तभी से देवी बगलामुखी की पूजा श्रद्धा से की जाती है। बता दें, तभी से देवी बगलामुखी की बड़ी श्रद्धा से पूजा की जाती है। इसके अलावा, नलखेड़ा में कृष्ण और अर्जुन ने महाभारत के युद्ध से पहले बगलामुखी की पूजा की थी। उनकी साधना के वरदान स्वरूप शक्ति के विभिन्न रूपों ने पांडवों की मदद की थी। वहां उन्हें युद्ध में विजयी होने का वरदान मिला था।
बगलामुखी यंत्र का रूप और संरचना काफी अलग होती है। बगलामुखी यन्त्र के निर्माण के लिए पहले एक बिन्दु निर्मित करना होता है। फिर इस बिन्दु के ऊपर एक त्रिकोण बनाकर एक वृत्त के मध्य षट्कोण बनाना होता है। एक बार और वृत्त बनाकर उसे आठ दलों में बांट दें तथा एक और वृत्त बनाकर उसमें 16 दल बनाये जाते है। इसके उपरान्त तीण भूपुर एक के नीचे एक बनायें। इस प्रकार यह रेखायें आदि बगलमुखी की शक्तियों पूर्ण होगीं। इसे महाशिवरात्रि, होली और दिवाली जैसे विशेष अवसरों पर स्थापित किया जा सकता है।
इस यंत्र की पूजा करने से पहले अपने शरीर को पूरी तरह से शुद्ध कर लें। इसके बाद पूरे विधि विधान से इस यंत्र का पूजन करें। बगलामुखी माता को पीली वस्तुएं अत्यंत प्रिय हैं। जिनमें मुख्य रूप से सात्विक एवं फलाहारी वस्तुएं शामिल हैं। इस यंत्र को स्थापित करने से पहले इसे गंगाजल और पंचामृत से शुद्ध करके शुद्ध करना चाहिए। बगलामुखी यंत्र को नवरात्रि के नौ दिनों में से किसी एक दिन या फिर गुरुवार या फिर किसी शुभ मुहूर्त में विधि-विधान से प्राण-प्रतिष्ठित किया जाता है।
पूजा करने वाले को पीले रंग के कपड़े पहनने चाहिए और पीले रंग के आसन पर बैठकर पूजा करनी चाहिए। यंत्र की पूजा करते समय पीले रंग के बीज, पीले कपड़े और पीले आसन का उपयोग करना चाहिए। पूजा करते समय उपासक को बगलामुखी मंत्रों का 11 या 21 बार "ॐ ह्रीं बगलामुखी सर्वदुष्टानां वाचं मुखं पदं स्तम्भय जिह्वां कीलय बुध्दिं विनाशय ह्रीं ॐ स्वाहा" का जाप करें। इस यंत्र का बीज मंत्र ॐ ह्रीं बगलामुखी सर्वदुष्टानां वाचं मुखं पदं स्तंभय जिह्ववां कीलय बुद्धि विनाशय ह्रीं ओम् स्वाहा है। बगलामुखी यंत्र की रात्रि के समय पूजा करने पर विशेष रूप से लाभ होता है। ध्यान रखें इस यंत्र को खरीदते समय इसकी पूरी तरह से जांच जरूर कर लें। वहीं, किसी जानकार पंडित, ज्योतिषि से इसकी स्थापना विधि, उपयोग और धारण करने के बारे में सही जानकारी लेने के बाद ही इस यंत्र को खरीदें। सही तरीके से की गई पूजा से और नियम से इस यंत्र का प्रभाव सकारात्मक रूप से होगा और जीवन के दोषों आदि को दूर करेगा।
इस चमत्कारी यंत्र के कई लाभ हैं, जिसकी साधना कर कई कठिनाईयों से पार पाया जा सकता है। इस यंत्र की स्थापना औऱ पूजा करने से सभी प्रकार के ज्ञात-अज्ञात शत्रुओं का नाश होता है और जीवन में किसी भी प्रकार का भय, क्लेश आदि नहीं रह जाता है। साथ ही कोर्ट-कचहरी के विवाद, झगड़े-फसाद, राजकीय विवाद, आदि मामलों में विशेष रूप से विजय की प्राप्ति होती है।
बगलामुखी यंत्र सभी प्रकार की उन्नति और मनोकामनाओं को पूर्ण करने के लिए सर्वश्रेष्ठ माना गया है। लंबे समय से किसी शुभ कार्य में आ रही बाधा को ये यंत्र दूर कर देता है। इसके अलावा कुंडली में मौजूद नकारात्मक प्रभाव से राहत भी पहुंचाता है। घर में सकारात्मक ऊर्जा का आवाहन करता है औऱ नकारात्मकता को दूर करता है। इससे जीवन में एक अच्छी ऊर्जा का संचार देखने को मिलता है, जिससे सभी तरह के स्तभन, भय आदि दूर हो जाते हैं।
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