मंगल यंत्र के महत्व, पूजा विधि, और इसे स्थापित करने के नियमों पर पूरी जानकारी।
मंगल यंत्र को सफलता, साहस और सकारात्मक उर्जा का प्रतिक माना जाता है। इस यंत्र से जीवन में आने वाली रूकावटें खत्म होने लगती हैं, साथ ही नाकरात्म उर्जा का नाश होता है। अगर आप अपने जीवन में किसी भी परेशानी का सामना कर रहे हैं, तो आपके लिए मंगल यंत्र बड़े काम की चीज है। आइए इस आर्टिकल में हम मंगल यंत्र से जुड़ी सभी महत्वपूर्ण बातों को जानेंगे।
जब किसी व्यक्ति की कुंडली में मंगल अशुभ होता है, तो इससे दांपत्य जीवन में संघर्ष और तनाव का सामना करना पड़ता है। वहीं, मेष एवं वृश्चिक राशि वाले जिनकी कुंडली में मंगल अशुभ होता है उन्हें भी जीवन में कठिनाईयों का सामना करना पड़ता है। जीवन में इन अशुभता को कम करने के लिए मंगल यंत्र की स्थापना करना उत्तम माध्यम माना गया है। इससे मंगल ग्रह के दुष्प्रभाव समाप्त होते हैं। इसकी स्थापना करने से घर-परिवार में शुभता का आगमन होता है। इसके अलावा इस यंत्र की उपासना से कर्ज से मुक्ति भी मिलती है।
मंगल यंत्र का विशेष महत्व है। क्योंकि मंगल ग्रह व्यक्ति के जीवन के कई पहलुओं पर प्रभाव डालता है। ऐसे में मंगल यंत्र की पूजा और स्थापना से मंगल ग्रह के अशुभ प्रभावों को कम किया जा सकता है और जीवन में सुख, शांति, और समृद्धि लाई जा सकती है। यह यंत्र एक शक्तिशाली साधन है जो व्यक्ति के जीवन में सकारात्मक परिवर्तन ला सकता है। मान्यता अनुसार, मंगल ग्रह को नवग्रहों में सबसे शक्तिशाली ग्रह माना जाता है। वहीं, अगर घर में वास्तु दोष हो या मंगल ग्रह के कारण नकारात्मक ऊर्जा का प्रभाव हो, तो मंगल यंत्र सकारात्मक ऊर्जा का संचार करता है और वास्तु दोषों को दूर करता है।
मंगल यंत्र की स्थापना हमेशा उत्तर दिशा में करनी चाहिए। शुभ फल प्राप्त करने के लिए इस यंत्र को मंगलवार के दिन स्थापित करना चाहिए। स्थापना करने से पहले शऱीर को पवित्र कर लें। इसके बाद यंत्र को स्थापित करते समय 11 या 21 बार मंगल के बीज मंत्र ॐ क्रां क्रीं क्रौं सः भौमाय नमः का जाप करें। फिर यंत्र के समीप घी का दीया जलाएं और गंगाजल-पंचामृत छिड़ककर शुद्ध करें औऱ हाथ जोड़कर जीवन में सदैव मंगल होने की प्रार्थना करें। ध्यान रखें इस यंत्र को खरीदते समय इसकी पूरी तरह से जांच जरूर कर लें। वहीं, किसी जानकार पंडित, ज्योतिषि से इसकी स्थापना विधि, उपयोग और धारण करने के बारे में सही जानकारी लेने के बाद ही इस यंत्र को खरीदें। सही तरीके से की गई पूजा से और नियम से इस यंत्र का प्रभाव सकारात्मक रूप से होगा और जीवन के दोषों आदि को दूर करेगा।
मंगल यंत्र को स्थापित करते वक्त कुछ नियम और बातों का ध्यान रखने से सभी प्रकार के शुभ फल प्राप्त किए जा सकते हैं। यंत्र को स्थापित करने से पहले साफ-सफाई, शुद्धता आदि का विशेष ध्यान रखना चाहिए। वहीं, प्राण प्रतिष्ठा करवाए बिना मंगल यंत्र विशेष लाभ प्रदान नहीं करता है। इसलिए इस यंत्र को स्थापित करने से पहले सुनिश्चित करें कि यह विधिवत बनाया गया हो और इसकी प्राण प्रतिष्ठा हुई हो। यंत्र की स्थापना करते वक्त शुभ मुहर्त का विशेष ध्यान रखना चाहिए।
ऐसा करने से मनोकामना पूर्ण होती है और पूजा का पूरा फल प्राप्त होता है। इसके साथ ही मंगल यंत्र को स्थापित करते समय साथ में पूजा की आवश्यक सामग्री तैयार रखें। यंत्र को स्थापित करते समय संबंधित मंत्रों का जाप करना बिल्कुल भी न भूलें। पूजन को पूर्ण विधि के साथ पूरे मन से करनी चाहिए। इसके अलावा स्थापना के बाद नियमित रूप से यंत्र की पूजा और पूर्णाहुति करें। इससे यंत्र में सकारात्मक ऊर्जा बनी रहती है और नकारात्मकता दूर होती है।
Did you like this article?
यंत्र क्या है? जानें यंत्र के प्रकार, पूजा विधि और इसके लाभ। यंत्र पूजा से जुड़ी सभी जानकारी यहां प्राप्त करें।
महालक्ष्मी यंत्र क्या है? जानें इसकी पूजा विधि, लाभ और इसे स्थापित करने के नियम। महालक्ष्मी यंत्र से जुड़ी पूरी जानकारी प्राप्त करें।
श्री यंत्र क्या है? जानें इसके प्रकार, लाभ, और पूजा विधि। श्री यंत्र को कैसे स्थापित करें, इसकी विस्तृत जानकारी प्राप्त करें।