श्री सरस्वती यंत्र
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श्री सरस्वती यंत्र

श्री सरस्वती यंत्र के महत्व और पूजा विधि पर विस्तृत जानकारी प्राप्त करें।

श्री सरस्वती यंत्र के बारे में

श्री सरस्वती यंत्र देवी सरस्वती की पूजा के लिए एक पवित्र यंत्र है, जो ज्ञान, बुद्धि और शिक्षा के क्षेत्र में सफलता पाने के लिए उपयोग किया जाता है। इस यंत्र को विद्यार्थियों, शिक्षकों और शोधकर्ताओं के लिए विशेष रूप से फायदेमंद माना जाता है। श्री सरस्वती यंत्र की नियमित पूजा से व्यक्ति की मानसिक क्षमता बढ़ती है और उसे ज्ञान और विद्या के क्षेत्र में सफलता मिलती है।

सरस्वती यंत्र क्या है?

ज्ञानदायिनी, वीणाधारिणी, हंसवाहिनी, बुद्धिदात्री जिन्हें विशेष रूप से ज्ञान, विद्या, संगीत, कला और बुद्धिमत्ता की देवी के रूप में पूजा जाता है उन देवी सरस्वती का पवित्र प्रतीक है सरस्वती यंत्र। सरस्वती यंत्र विद्या और ज्ञान प्राप्ति कराता है। यह यंत्र देवी सरस्वती को बहुत प्रिय है। इस यंत्र की साधना करने से देवी शारदा की साधक पर विशेष कृपा होती है। इस यंत्र की स्थापना करने से मां सरस्वती प्रसन्न होती हैं, जिससे शिक्षा, कारोबार और कार्यक्षेत्र क्षेत्र में सफलता ही सफलता मिलती है। इसके अलावा जिन विद्यार्थियों का पठन-पाठन में मन स्थिर नहीं होता है या वे कमजोर होते हैं वह इस यंत्र की विधि-विधान से पूजा करके इसके माध्यम से विद्या के क्षेत्र में प्रखर हो सकते हैं और जीवन में काफी नाम बढ़ सकते हैं।

सरस्वती यंत्र का धार्मिक, ज्योतिषीय और वास्तुशास्त्र में महत्व

सरस्वती यंत्र का धार्मिक, ज्योतिषीय और वास्तुशास्त्र में विशेष महत्व होता है। यह यंत्र मानव को न केवल ज्ञान, शिक्षा, बुद्धि, और सृजनात्मकता में वृद्धि देने में मदद करता है बल्कि यह सकारात्मक ऊर्जा का संचार भी करता है। इस यंत्र के माध्यम से जीवन में कई बाधाएं दूर होती हैं और संकट कटते हैं। बात करें अगर इस यंत्र के धार्मिक महत्व की तो यह यंत्र उनके आशीर्वाद को प्राप्त करने का एक साधन है। यह यंत्र संगीत, कला, और अन्य सृजनात्मक कार्यों में रुचि रखने वालों के लिए यह विशेष रूप से शक्तिशाली होता है।

वहीं, ज्योतिषीय महत्व के अनुसार, सरस्वती यंत्र का महत्व मनुष्य की कुंडली और ग्रहों के प्रभाव से जुड़ा होता है। यह यंत्र ग्रहों को सुधारने में भी सहयोग करता है। विशेष रूप से उन लोगों के लिए लाभकारी है जिनकी कुंडली में बुद्धि, शिक्षा या ज्ञान से संबंधित दोष होते हैं। यह यंत्र मानसिक शांति और ध्यान में मदद करता है, जिससे व्यक्ति की बुद्धिमत्ता और निर्णय लेने की क्षमता में सुधार होता है। इसके अलावा वास्तुशास्त्र के अनुसार, सरस्वती यंत्र का उपयोग घर या ऑफिस के सकारात्मक ऊर्जा को बढ़ाने में किया जाता है। इस यंत्र से सृजनात्मक कार्य को बढ़ावा मिलता है और कला, संगीत के क्षेत्र में सफलता प्राप्त होती है। घर औऱ कार्यक्षेत्र में इस यंत्र की उपासना से सभी कार्य बिना रूकावट के पूरे होते हैं।

सरस्वती यंत्र के लाभ

  • सरस्वती यंत्र के अनेक लाभ हैं। इससे शैक्षिक सफलता, रचनात्मक वृद्धि, आध्यात्मिक विकास, मानसिक स्पष्टता, भावनात्मक कल्याण और व्यावसायिक विकास होता है। जो लोग पूरे समर्पण और मनोभाव से इय यंत्र की साधना करते हैं उन्हें देवी का आशीर्वाद जरूर प्राप्त होता है।
  • इस यंत्र से शिक्षा के क्षेत्र में कई नई सफलताएं प्राप्त होती हैं।
  • यह यंत्र रचनात्मकता और कलात्मक प्रतिभा को बढ़ावा देने में मदद करता है।
  • इस यंत्र के माध्यम आध्यात्मिक विकास का संचार होता है।
  • इससे उनन्त ज्ञान की प्राप्ति होती है और नकारात्मक ऊर्जा सकारात्मक ऊर्जा में परिवर्तित होती है।
  • इस यंत्र की उपासना से व्यावसायिक सफलताएं मिलती हैं।
  • इस यंत्र की आराधना से कुंडली के दोष और कष्ट, गृह क्लेश, पारिवारिक अशांति, तनाव आदि सभी तरह की बाधाएं दूर होती हैं।

किस दिशा में और कैसे करें सरस्वती यंत्र की स्थापना

इस यंत्र की स्थापना हमेशा घर की उत्तर-पूर्व दिशा में ही स्थापित करना चाहिए। ध्यान रखें इसकी नोक पूर्व दिशा की ओर हो। सरस्वती यंत्र की स्थापना के लिए बसंत पंचमी को सबसे शुभ और फलदायी मुहर्त और दिन माना जाता है। ऐसे में इस दिन इस यंत्र की स्थापना करके अपने इच्छानुसार फल की प्राप्ति मिल सकती है। इसके लिए सबसे पहले सुबह उठकर अपने शरीर को शुद्ध करें। इसके बाद पीले कपड़े पहनें। फिर देवी सरस्वती की पूजा करें और यंत्र के सामने धूप-दीप प्रज्जवलित करें। ऐसा करके यंत्र का गंगाजल और पंचामृत से अभिषेक करें और यंत्र पर कुमकुम लगाएं, पीले फूल चढ़ाएं। फिर 11 या 21 बार गायत्री मंत्र 'ॐ ह्री श्री सरस्वत्यै नम:, ॐ ऐं सरस्वत्यै ऐं नम:, ओम सरस्वत्यै नमः" या विशिष्ट सरस्वती यंत्र का जाप करें।

इसके बाद मां शारदा की प्रार्थना करनी चाहिए। ध्यान रखें इस यंत्र को खरीदते समय पूरी तरह से जांच जरूर कर लें। वहीं, किसी जानकार पंडित, ज्योतिषि से इसकी स्थापना विधि, उपयोग और धारण करने के बारे में सही जानकारी लेने के बाद ही इस यंत्र को खरीदें। सही तरीके से की गई पूजा से और नियम से इस यंत्र का प्रभाव सकारात्मक रूप से होगा और जीवन के दोषों आदि को दूर करेगा।

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Published by Sri Mandir·January 21, 2025

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