भगवान की मूर्ति किस दिशा में रखें?
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भगवान की मूर्ति किस दिशा में रखें?

क्या आप जानते हैं भगवान की मूर्ति किस दिशा में रखें? जानें वास्‍तु शास्त्र के अनुसार सही दिशा और पाएं घर में आशीर्वाद।

भगवान की मूर्ति किस दिशा में रखने के बारे में

घर में भगवान की मूर्ति रखने के लिए सही दिशा और स्थान का चयन वास्तु शास्त्र के अनुसार अत्यंत महत्वपूर्ण माना जाता है। यह न केवल सकारात्मक ऊर्जा बढ़ाने में मदद करता है, बल्कि घर में सुख-समृद्धि और शांति भी लाता है।

भगवान की मूर्ति किस दिशा में रखें?

आपके जीवन में भी क्या परेशानियां दूर होने का नाम नहीं लें रही है। आपके घर में भी क्या नकारात्मक ऊर्जा का प्रभाव बढ़ गया है। तो आज श्री मंदिर में हम आपको वास्तु शास्त्र के अनुसार घर में भगवान के प्रतीक, चिन्ह, मूर्ति या फिर फोटो रखने का सही स्थान बताने जा रहे हैं। आगे के लेख में जानते हैं, वास्तु नियम के अनुसार घर में भगवान की तस्वीर या फिर प्रतिमा रखते समय किन बातों का ध्यान रखन बहुत जरूरी होता है।

भगवान की तस्वीर कहाँ लगाएँ?

  • भगवान गणेश को माता लक्ष्मी की बायीं और माता सरस्वती को देवी लक्ष्मी के दाहिनी तरफ ही घर के मंदिर में रखन चाहिए। वास्तु शास्त्र के अनुसार ऐसा करने से घर से नकारात्मक ऊर्जा खत्म होती है।
  • वास्तु शास्त्र के नियमों के अनुसार घर में भगवान गणेश, माता लक्ष्मी और कुबेर जी के प्रतीक, चिन्ह, मूर्ति या फिर फोटो को उत्तर दिशा में दक्षिण दिशा की ओर मुख करके रखन चाहिए। ऐसा रखने से घर में सकारात्मक ऊर्जा बढ़ती है।
  • वास्तु शास्त्र के नियम अनुसार मंदिर या पूजा कक्ष में भगवान हनुमान की मूर्ति हमेशा दक्षिण दिशा की ओर होनी चाहिए। ऐसा करने से भगवान हनुमान सारे दुखों को दूर कर देते हैं।
  • भगवान कीर्ति और माता दुर्गा की मोतियों को पूर्व दिशा की ओर मुख करके रखा जा सकता है। ऐसा करने से घर से बुरा समय जल्दी टालने के साथ कई प्रकार की परेशानियां दूर हो जाती हैं।
  • भगवान ब्रह्मा, विष्णु, महेश के साथ सूर्य देव को पूरा दिशा में पश्चिम की ओर मुख करके रखन चाहिए। ऐसा करने से घर के सभी लोग स्वस्थ बने रहते हैं और घर में कभी भी धन की हानि नहीं होती है।

पूजा घर किस दिशा में होना चाहिए?

  • वास्तु शास्त्र के नियम अनुसार घर में मंदिर बनाने के लिए उत्तर-पूर्व दिशा सबसे उत्तम बताई गई है। क्योंकी, नॉर्थ ईस्ट दिशा का स्वामी बृहस्पति होता है। इस दिशा को ईशान कोण भी कहा जाता है। ईशान यानि भगवान या ईश्वर का स्थान।
  • शिवमहापुराण के अनुसार घर में केवल छोटे आकार का शिवलिंग ही स्थापित करन चाहिए। घर के उत्तरी भाग में शिवलिंग को स्थापित करन चाहिए। घर में भगवान शिव की मूर्ति या तस्वीर उत्तर दिशा में लगान सबसे ज्यादा श्रेष्ठ रहता है। भगवान शिव की ऐसी तस्वीर कभी नहीं लगे जिसमें भोले शंकर क्रोध मुद्रा में हो, क्यों कि यह विनाश का प्रतीक बताया गया है।
  • इसी वजह से यह भगवान या बृहस्पति की दिशा है और इसी दिशा में मंदिर रखने की वास्तु शास्त्र में सलाह दी जाती है। वहीं दूसरी तरफ घर में दक्षिण दिशा की ओर मुख करके मंदिर का निर्माण नहीं कराना चाहिए।

उम्मीद करते हैं, आपको ये लेख पंसद आया होगा। लेकिन उससे पहले एक छोटी सी अपील- कोई भी वास्तु शास्त्र से जुड़ी जानकारी घर में अपनाने से पहले किसी ज्योतिषी या फिर श्री मंदिर के ज्योतिषी से सलाह लेन न भूलें। ऐसे ही वास्तु शास्त्र से जुड़ी जानकारियों के लिए श्री मंदिर के साथ जुड़े रहें।

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Published by Sri Mandir·January 6, 2025

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