चम्पा षष्ठी 2024 | Champa Shashti, Kab Hai, Shubh Muhurat, Puja Vidhi

चम्पा षष्ठी 2024

चम्पा षष्ठी 2024 कब है? जानें शुभ मुहूर्त, पूजा विधि और धार्मिक महत्व। पूरी जानकारी के लिए अभी पढ़ें!


चम्पा षष्ठी 2024 | Champa Shashti

चंपा षष्ठी मार्गशीर्ष माह में शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि को रखा जाता है। इस दिन भगवान शिव के मल्हारी मार्तंड खंडोबा स्वरूप की पूजा-अराधना की जाती है। स्कंदपुराण में इस दिन भगवान कार्तिकेय की पूजा को भी विशेष महत्वपूर्ण बताया गया है। चंपा षष्ठी को स्कंद षष्ठी के नाम से भी जाना जाता है।

इस लेख में आप जानेंगे-

  • चंपा षष्ठी कब है?
  • शिव भैरव के अवतार हैं मल्हारी मार्तंड
  • मल्हारी मार्तंड को इन वस्तुओं का लगता है भोग
  • चम्पा षष्ठी पर कार्तिकेय की पूजा का महत्व
  • चंपा षष्ठी पर विष्णु पूजा का भी है विधान
  • चम्पा षष्ठी व्रत के लाभ

चंपा षष्ठी कब है?

  • चम्पा षष्ठी 07 दिसंबर, शनिवार को मनाई जाएगी।

  • षष्ठी तिथि 06 दिसम्बर 2024 को दोपहर 12 बजकर 07 मिनट पर प्रारंभ होगी।

  • षष्ठी तिथि का समापन 08 दिसम्बर 2024 को सुबह 11 बजकर 05 मिनट पर होगा।

  • चम्पा षष्ठी का पर्व मुख्य रूप से कर्नाटक, महाराष्ट्र सहित दक्षिणी राज्यों में मनाया जाता है।

  • शतभिषा नक्षत्र प्रारम्भ – 07 दिसम्बर, 2024 को 04:50 PM बजे

  • शतभिषा नक्षत्र समाप्त – 08 दिसम्बर, 2024 को 04:03 PM बजे

  • वैधृति योग प्रारम्भ – 18 दिसम्बर, 2024 को 07:34 PM बजे

  • वैधृति योग समाप्त – 19 दिसम्बर, 2024 को 06:34 PM बजे

शिव भैरव के अवतार हैं मल्हारी मार्तंड

मराठी समाज के अनुसार ऐसी मान्यता है कि 84 भैरव में से मल्हारी मार्तंड खंडोबा भी एक हैं। मार्तंड खंडोबा महाराष्ट्र में रहने वाले कई परिवारों के कुल देवता माने जाते हैं। धार्मिक मान्यता के अनुसार, चंपा षष्ठी के दिन ही भगवान शंकर ने मल्हारी मार्तंड का रूप धारण कर मणिमल्ल नामक राक्षस का वध किया था, और उसके अत्याचार से संसार को मुक्ति दिलाई थी।

मराठी परिवारों में इस छह दिवसीय महोत्सव को हर वर्ष बहुत ही धूमधाम से मनाया जाता है। चंपा षष्ठी पर विशेष पूजा-अर्चना के साथ साथ कई अन्य आयोजन भी किए जाते हैं। यह उत्सव मार्गशीर्ष शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि से शुरू होकर षष्ठी तक चलता है। जिस तरह नवरात्र का व्रत रखकर पूजा अर्चना की जाती है, वैसे ही चंपा षष्ठी भी छह दिवसीय पर्व के रूप में मनाई जाती है।

भगवान शंकर के इस खंडोबा स्वरूप को किसानों, चरवाहों और शिकारियों का स्वामी माना जाता है। इस दिन कार्तिकेय और खंडोबा बाबा की पूजा करने से सारे दुख, दोष दूर हो जाते हैं, साथ ही जन्म जन्मांतर के पापों से मुक्ति मिलती है।

मल्हारी मार्तंड को इन वस्तुओं का लगता है भोग

चंपा षष्ठी पर इस उत्सव के आराध्य देव खंडोबा बाबा की विशेष पूजा-आराधना की जाती है। इस दिन उनकी प्रतिमा पर हल्दी उड़ाने की रस्म के साथ हवन-पूजन किया जाता है, साथ ही भक्त इस अवसर पर भंडारे का भी आयोजन करते हैं। इसमें मल्हारी मार्तंड को बैंगन, बाजरे की रोटी, पूरन पोली और कई अन्य पारंपरिक व्यंजनों का भोग लगाया जाता है।

चम्पा षष्ठी पर कार्तिकेय की पूजा का महत्व

दक्षिण भारतीय लोग इस दिन महादेव के पुत्र कार्तिकेय की पूजा करते हैं। मान्यता है कि षष्ठी के दिन भगवान कार्तिकेय की पूजा हर मनोकामना को पूर्ण करने में सहायक है। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार स्कंद षष्ठी के दिन कार्तिकेय ने तारकासुर नामक राक्षस का वध किया था। शास्त्रों में ये भी वर्णन मिलता है कि स्कंद षष्ठी का व्रत करने से काम, क्रोध, मद, मोह, अहंकार से मुक्ति मिलती है, और जीवन सुखमय होता है।

चंपा षष्ठी पर विष्णु पूजा का भी है विधान

पुराणों में ऐसा वर्णन है कि भगवान विष्णु ने माया मोह में पड़े नारद जी का इसी दिन उद्धार करते हुए लोभ से मुक्ति दिलाई थी। इस दिन कार्तिकेय के साथ भगवान श्री‍हरि विष्णु जी के पूजन का विशेष महत्व माना गया है।

चंपा षष्ठी व्रत के नियम क्या हैं ?

  • व्रत के दिन उठकर स्नान करें और स्वच्छ वस्त्र धारण करें।
  • भगवान शिव और कार्तिकेय की पूजा करने का संकल्प लें।
  • भगवान शिव और कार्तिकेय की मूर्ति या चित्र को स्थापित करें और विधि-विधान से पूजा करें।
  • पूरे दिन फलाहार या निर्जला व्रत रख सकते हैं।
  • व्रत के दिन मांस, मछली, अंडे और शराब का सेवन नहीं करना चाहिए।
  • व्रत के दिन ब्राह्मण को दान करना शुभ माना जाता है।
  • चंपा षष्ठी की कथा सुनना चाहिए।
  • कुछ लोग रात में जागरण करते हैं और भजन-कीर्तन करते हैं।

चम्पा षष्ठी व्रत के लाभ

  • चम्पा षष्ठी व्रत के प्रभाव से नि:संतान दंपत्तियों को उत्तम संतान की प्राप्ति होती है, साथ ही जीवन में सुख-समृद्धि और वैभव आता है।
  • सभी दुखों का निवारण होता है और जातक को आरोग्य की प्राप्ति होती है।
  • इस दिन ब्राह्मण भोज कराने के बाद उन्हें कंबल व गरम कपड़े दान करने से विशेष पुण्य की प्राप्ति होती है।
  • यह व्रत क्रोध, लोभ, अहंकार जैसी सभी बुराइयों को नष्ट करता है, और सद्मार्ग पर चलने की प्रेरणा देता है।
  • भगवान शिव के खंडोबा रूप की उपासना किसानों, चरवाहों और शिकारियों के लिए विशेष फलदाई मानी जाती है।

तो भक्तों, यह थी चंपा षष्ठी व्रत से जुड़ी विशेष जानकारी। हमारी कामना है कि इस दिन आपके द्वारा किया गया व्रत उपवास सफल हो, और ईश्वर की कृपा आप पर सदैव बनी रहे। ऐसी ही धार्मिक जानकारियां के लिए जुड़े रहिए श्री मंदिर पर

श्री मंदिर द्वारा आयोजित आने वाली पूजाएँ

देखें आज का पंचांग

slide
कैसा रहेगा आपका आज का दिन?
कैसा रहेगा आपका आज का दिन?
srimandir-logo

Sri Mandir has brought religious services to the masses in India by connecting devotees, pundits, and temples. Partnering with over 50 renowned temples, we provide exclusive pujas and offerings services performed by expert pandits and share videos of the completed puja rituals.

Play StoreApp Store

Follow us on

facebookinstagramtwitterwhatsapp

© 2024 SriMandir, Inc. All rights reserved.