मार्गशीर्ष अमावस्या? | Margashirsha Amavasya 2024
हिंदू धर्म में मार्गशीर्ष अमावस्या की महत्ता को इस बात से समझा जा सकता है कि गीता में स्वयं श्री कृष्ण ने कहा है कि- "महीनों में मैं मार्गशीर्ष माह हूँ"। मार्गशीर्ष अमावस्या को 'अगहन अमावस्या' के नाम से भी जाना जाता है। आज हम इस विशेष दिन से जुड़ी संपूर्ण जानकारी आपके लिए लेकर आए हैं। हम इस लेख में जानेंगे कि-
- कब है मार्गशीर्ष अमावस्या?
- इस दिन किए जाने वाले धार्मिक कार्य
- मार्गशीर्ष अमावस्या व्रत और पूजा विधि
- मार्गशीर्ष अमावस्या का महत्व
मार्गशीर्ष अमावस्या कब है ?
- दिसम्बर 1, 2024, रविवार
- मार्गशीर्ष, कृष्ण अमावस्या
- तिथि प्रारंभ - 30 नवम्बर 2024, 10:29 AM
- तिथि समापन - 01 दिसम्बर 2024, 11:50 AM
मार्गशीर्ष अमावस्या का महत्व
- सतयुग में देवों ने मार्गशीर्ष मास की प्रथम तिथि को ही वर्ष का प्रारम्भ किया था।
- इस दिन पिंड दान करने से पितृ-दोष दूर होते हैं।
- गीता में स्वयं श्रीकृष्ण जी ने कहा है कि “माह में मैं मार्गशीर्ष माह हूँ”।
- इस दिन दान करने का पुण्य कई गुना अधिक होता है।
- इस दिन विधि-विधान से की जाने वाली पुजा भी फलीभूत होती है।
मार्गशीर्ष अमावस्या व्रत और पूजा विधि
मार्गशीर्ष अमावस्या पर कई लोग निर्जला व्रत का पालन भी करते हैं, चलिए जानते हैं कि किस प्रकार इस दिन आप कर सकते हैं आसानी से पूजा-
- संभव हो पाए तो इस दिन किसी पवित्र नदी में स्नान करें, साफ वस्त्र धारण करें और सूर्य देव को अर्घ्य दें।
- इसके बाद घर के मंदिर को भी गंगा जल छिड़क कर शुद्ध कर लें। मंदिर में स्थापित सभी देवी-देवताओं पर भी गंगा जल छिड़कें।
- अब सभी देवी-देवताओं को भी हल्दी-चंदन-रोली का तिलक लगाएं।
- इसके बाद सभी को अक्षत, पुष्प, धूप, मिष्ठान एवं फल अर्पित करें।
- धूप-दीप से आरती उतारें और पूजा में किसी भी गलती के लिए भगवान से क्षमा मांगें।
- अंत में प्रसाद वितरित करें और आप पूरा दिन व्रत का पालन करें।
- किसी को इस दिन दान-दक्षिणा अवश्य दें, इससे आपकी पूजा सफल होगी।
इस दिन किए जाने वाले धार्मिक कार्य
स्नान
मार्गशीर्ष अमावस्या के दिन पवित्र नदियों में स्नान का विशेष महत्व बताया गया है। स्नान के बाद सूर्य देव को अर्घ्य देने से व्यक्ति के जीवन में खुशहाली आती है। मान्यता है कि इस दिन किसी पवित्र नदी या सरोवर में स्नान करने से व्यक्ति के पाप धुल जाते हैं और उसे मोक्ष की प्राप्ति होती है।
पिंड दान
इस दिन पितरों की शांति के लिए तर्पण, स्नान, दान-धर्म आदि कार्य किये जाने का विधान है। माना जाता है कि ऐसा करने से पितर प्रसन्न होते हैं और आशीर्वाद देते हैं।
लक्ष्मी पूजन
मार्गशीर्ष अमावस्या को लक्ष्मी पूजन के लिए भी उत्तम माना जाता है, इस दिन लक्ष्मी जी की पूजा करने से घर में सुख-समृद्धि का आगमन होता है।
सत्यनारायण भगवान की कथा
भगवान विष्णु की असीम कृपा पाने के लिए इस दिन सत्यनारायण भगवान की कथा पढ़ना या सुनना भी काफी शुभ माना गया है। इस दिन भगवान विष्णु जी की विधिवत पूजा करने के बाद सत्यनारायण भगवान की कथा सुनना भी मंगलकारी होता है।
दान
इस दिन किसी भी ज़रूरतमंद व्यक्ति या किसी ब्राह्मण को दान-दक्षिणा देने से आपके पुण्यफल में वृद्धि होती है और भगवान जी भी आपसे प्रसन्न होते हैं। मार्गशीर्ष अमावस्या को किए गए दान का फल और भी अधिक होता है
तो यह थी मार्गशीर्ष अमावस्या से जुड़ी संपूर्ण जानकारी, ऐसी ही अन्य महत्वपूर्ण जानकारी के लिए आप श्री मंदिर से जुड़े रहें।