विश्वकर्मा जयंती | Vishwakarma Jayanti 2024, Kab Hai, Shubh Muhurat, Puja Vidhi

विश्वकर्मा जयंती

विश्वकर्मा जयंती 2024 के बारे में सब कुछ जानें


विश्वकर्मा जयंती (Vishwakarma Jayanti 2024)

हिंदू धर्म में विश्वकर्मा जयंती पर विश्वकर्मा पूजा का विशेष महत्व है। मान्यता है कि इसी दिन जगत के प्रथम शिल्पकार एवं वास्तुकार विश्वकर्मा भगवान का अवतरण हुआ था। अस्त्र-शस्त्र व भवन का निर्माण भगवान विश्कर्मा की ही देन माना जाता है, इसीलिए कारीगर, फर्नीचर बनाने वाले, मशीनरी और कारखानों से जुड़े लोग इस अवसर पर विशेष रूप से भगवान विश्कर्मा की उपासना करते हैं।

आज के इस लेख में हम जानेंगे:

  • 2024 में विश्वकर्मा जयंती कब है, जानें शुभ मुहूर्त?
  • विश्वकर्मा जयंती का शुभ मुहूर्त?
  • विश्वकर्मा पूजा का महत्व क्या है? क्यों करते हैं विश्वकर्मा पूजा?
  • विश्वकर्मा पूजा की तैयारी - पूजा सामग्री
  • जानिए विश्वकर्मा पूजा की पूजा विधि
  • भगवान विश्वकर्मा की पूजा के मंत्र
  • विश्वकर्मा पूजा के दिन क्या करें? क्या ना करें?

विश्वकर्मा पूजा कब है?

  • विश्वकर्मा पूजा 16 सितंबर, सोमवार को है, जो भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि को कन्या संक्रांति पर मनाई जाएगी।
  • विश्वकर्मा पूजा कन्या संक्रान्ति का क्षण शाम 07 बजकर 53 मिनट पर रहेगा।
  • विश्वकर्मा पूजा का शुभ समय (15 सितंबर) शाम 06 बजकर 12 मिनट से (16 सितंबर) दोपहर 03 बजकर 10 मिनट तक रहेगा।

विश्वकर्मा जयंती का शुभ मुहूर्त?

  • इस दिन ब्रह्म मुहूर्त प्रातः 04 बजकर 11 मिनट से प्रातः 04 बजकर 57 मिनट तक रहेगा।
  • प्रातः सन्ध्या मुहूर्त प्रात: 04 बजकर 34 मिनट से सुबह 05 बजकर 44 मिनट तक होगा।
  • अभिजित मुहूर्त दिन में 11 बजकर 28 मिनट से 12 बजकर 17 मिनट तक रहेगा।
  • विजय मुहूर्त दिन में 01 बजकर 55 मिनट से 02 बजकर 44 मिनट तक रहेगा।
  • इस दिन गोधूलि मुहूर्त शाम में 06 बजकर 01 मिनट से 06 बजकर 24 मिनट तक रहेगा।
  • सायाह्न सन्ध्या काल शाम में 06 बजकर 01 मिनट से 07 बजकर 11 मिनट तक रहेगा।
  • इस दिन अमृत काल शाम 07 बजकर 08 मिनट से 08 बजकर 35 मिनट तक रहेगा।
  • निशिता मुहूर्त रात 11 बजकर 29 मिनट से 16 सितम्बर की रात 12 बजकर 12 मिनट तक रहेगा।

इस दिन विशेष योग बन रहा है:

रवि योग शाम 04 बजकर 33 मिनट से 16 सितम्बर की सुबह 05 बजकर 45 मिनट तक रहेगा।

विश्वकर्मा पूजा का महत्व क्या है?

सभी लोग जीवन में व्यापार में प्रगति और आर्थिक समृद्धि की कामना करते हैं, इसी मनोकामना की पूर्ति के लिए हमारे शास्त्रों में विश्वकर्मा पूजा को महत्वपूर्ण माना गया है। मान्यताओं के अनुसार, इस पूजा से व्यक्ति को सुख और व्यापार में वृद्धि मिलती है। साथ ही मान्यता यह भी है कि इस पूजा से आपको वाहन सुख की प्राप्ति होती है।

अगर आप भी चाहते हैं कि आपका व्यापार दिन दूनी और रात चौगुनी तरक्की करे, तो विश्वकर्मा पूजा के दिन पूजा अवश्य करें और इस सरल पूजा विधि को ज़रूर अपनाएं-

विश्वकर्मा पूजा की तैयारी - पूजा सामग्री

विश्वकर्मा जयंती पर भगवान विश्वकर्मा की पूजा से पहले ही इस विशेष पूजा की तैयारी पूरी कर लें। पूजा के लिए सर्वप्रथम पूजन सामग्री एकत्रित कर लें, जिसमें यह सामग्री अवश्य शामिल करें:

  • सुपारी
  • रोली
  • पीला अश्वगंधा
  • हल्दी
  • लॉन्ग
  • मौली
  • लकड़ी की चौकी
  • पीला कपड़ा
  • मिट्टी का कलश
  • नवग्रह
  • जनेऊ
  • इलायची
  • इत्र
  • सुखा
  • गोला
  • जटा वाला नारियल
  • धुपबत्ती
  • अक्षत
  • फल
  • मिठाई
  • कपूर
  • देसी
  • घी
  • हवन कुंड
  • आम की लकड़ी
  • दही
  • फूल
  • खीरा

चलिए अब भगवान विश्वकर्मा जी की पूजा आरंभ करते हैं:

श्री विश्वकर्मा पूजा के दिन ऑफिस, वर्कशॉप, दुकान आदि विभिन्न व्यापारों के मालिक प्रातः स्नान आदि करके भगवान विश्वकर्मा की प्रतिमा सहित अपने सभी यंत्रों की विधिपूर्वक पूजा करते हैं। आज के दिन अस्त्रों और औज़ारों, उद्योगों में प्रयोग होने वाली मशीनों की पूजा का खास महत्व है।

  • सबसे पहले सुबह जल्दी उठकर स्नान कर लें, नए और साफ कपड़े पहनें और फिर पूजा की तैयारियां शुरू कर दें।
  • पूजा के लिए सबसे पहले पूजा स्थल को साफ और शुद्ध कर लें, वहां पर चौकी स्थापित करें और उसपर कपड़ा बिछाएं।
  • इसके बाद आसन पर विश्वकर्मा जी प्रतिमा या चित्र स्थापित करें।
  • जैसा कि हमें पता है, इस दिन औजारों की पूजा का भी विधान है, इसलिए आप अपने व्यापार से संबंधित सभी औजारों या उपकरणों को पूजा स्थल पर रख लें।
  • अब भक्त भगवान विश्वकर्मा एवं सभी औजारों को धूप-दीप दिखाएं।
  • इसके पश्चात् विश्वकर्मा जी को और साथ में औजारों को भी रोली और हल्दी का तिलक लगाएं।
  • तिलक लगाने के बाद पूजा स्थल पर भगवान जी को और औजारों को अक्षत, फूल, पान, लौंग, सुपारी, मिठाई, फल और मोली समेत संपूर्ण पूजन सामग्री भी अर्पित करें।
  • पूजा के दौरान हाथ में फूल एवं अक्षत लेकर भगवान विष्णु का ध्यान करते हुए ॐ आधार शक्तपे नम:, ओम कूमयि नम:, ओम अनन्तम नम:, पृथिव्यै नम: इन मंत्रों का जाप करें। इससे आपको पूजा का विशेष फल मिलेगा।
  • अब भक्तजन भगवान विश्वकर्मा जी से प्रार्थना करें कि हे प्रभु हमारी मशीनें और औजार निरन्तर, बिना किसी बाधा के कार्य करें और हमारे उद्योग देश की उन्नति में सहायक बने।
  • पूजा के अंत में भगवान विश्वकर्मा को प्रणाम करें और लोगों में प्रसाद बांटें।

भगवान विश्वकर्मा की पूजा के मंत्र

ॐ आधार शक्तपे नम:, ओम कूमयि नम:, ओम अनन्तम नम:, पृथिव्यै नम:

विश्वकर्मा पूजा के दिन क्या करें? क्या ना करें?

भगवान विश्वकर्मा की पूजा के दिन कुछ ऐसे भी कार्य हैं जिन्हें करना वर्जित माना गया है। आइए जानते हैं कि कौन से वो कार्य हैं जो विश्वकर्मा पूजा के दिन नहीं करना चाहिए और कौन-कौन से कार्य करना चाहिए। विश्वकर्मा पूजा पर भूलकर भी औजारों को इधर-उधर न फेंके नहीं तो आपको विश्वकर्मा भगवान के क्रोध का सामना करना पड़ सकता है।

  • इस दिन आप न तो स्वयं अपने औजारों का इस्तेमाल करें और न हीं किसी और को करने दें
  • जिन वस्तुओं का आप अपने जीवन में रोज प्रयोग करते हैं उनकी विश्वकर्मा पूजा पर साफ-सफाई करना न भूलें।
  • अगर आप विश्वकर्मा भगवान की मूर्ति रखकर उनकी पूजा कर रहे हैं तो अपने औजारों को पूजा में रखना न भूलें।
  • अगर आपकी कोई फैक्ट्री है तो विश्वकर्मा पूजा के दिन उनकी पूजा न करना भूलें।
  • जिन लोगों की भी फैक्ट्री आदि है या फिर उनका मशीन से जुड़ा कोई काम है तो उन्हें विश्वकर्मा पूजा के दिन अपनी मशीनों का प्रयोग नहीं करना चाहिए।
  • यदि आपके पास कोई वाहन हैं तो आपको विश्वकर्मा पूजा के दिन उसकी साफ-सफाई और पूजा करना नहीं भूलना चाहिए।
  • विश्वकर्मा पूजा के दिन किसी भी पुराने औजार को अपने घर, फैक्ट्री या दुकान से बाहर न फेंकें, ऐसा करना विश्वकर्मा जी का अपमान जाता है।
  • आपको विश्वकर्मा पूजा के दिन भूलकर भी मॉस और मदिरा का सेवन भी नहीं करना चाहिए।
  • अपने व्यापार की वृद्धि के लिए आपको विश्वकर्मा पूजा के दिन निर्धन व्यक्ति और ब्राह्मण को दान अवश्य देना चाहिए।

भक्तों तो यह थी भगवान विश्वकर्मा जयंती पर मुहूर्त, महत्व, पूजा विधि, मंत्र सहित संपूर्ण जानकारी। हम आशा करते हैं कि यह लेख आपकी पूजा को सार्थक करेगा और आपको भगवान विश्वकर्मा जी की विशेष कृपा का अधिकारी बनाएगा। हमारी कामना है कि आपको इस पर्व का संपूर्ण फल प्राप्त हो, और भगवान विश्वकर्मा की कृपा से जीवन में सुख सम्पन्नता बनी रहे।

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